27 special plants for 27 constellations in Haldwani's Nakshatra Vatika

हल्द्वानी की नक्षत्र वाटिका में 27 नक्षत्रों के लिए 27 खास पौधे, जानिए क्या है इसकी खासियत

वैदिक काल से ही मनुष्य के जीवन में नक्षत्रों, ग्रहों और राशियों का अपना अलग महत्व रहा है. ज्योतिष शास्त्र में जिन नक्षत्रों का जिक्र किया गया है, वे सभी नक्षत्र जितने महत्वपूर्ण हैं उतने ही व्यक्ति के जीवन पर भी असर डालते हैं.माना जाता है कि नक्षत्र और राशि के अनुसार, मनुष्य का स्वभाव, गुण-धर्म, जीवन शैली जन्म नक्षत्र से जुड़ी हुई होती है.

इसी को देखते हुए उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी ने नक्षत्र वाटिका की स्थापना की है. जहां मनुष्य के जीवन में नक्षत्रों के हिसाब से प्रभाव डालने वाले वृक्षों की जानकारी दी गई है. इस वाटिका को आध्यात्मिक तरीके से तैयार किया गया है. यहां ऐसे 27 विशिष्ट पौधे लगाए गए हैं, जो ग्रह-नक्षत्र के पूजन में काम आते हैं.

लगाए गए हैं 27 नक्षत्रों के 27 प्रकार  पौधे

इस नक्षत्र वाटिका में  27 नक्षत्रों के हिसाब से 27 प्रकार के महत्वपूर्ण पौधे लगाए गए हैं. जिससे कि लोग यहां आकर अपना नक्षत्रों के अनुसार पौधे की जानकारी हासिल कर सकें. जहां पौधों के संरक्षण के साथ-साथ लोग अपने जन्म नक्षत्रों के अनुसार पौधे लगा सके जिससे कि पौधों का संरक्षण हो सके. उन्होंने बताया कि अनुसंधान केंद्र का काम है. संरक्षित और विलुप्त हो रही पौधों के प्रजातियों को संरक्षण करने के अलावा लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना है.

स्मार्ट सिटी की तर्ज पर बन रही नक्षत्र वाटिका | Nakshatra Vatika being built on the lines of Smart City - Dainik Bhaskar

जिनमे अश्वनी-कुचिला, भरणी-आंवला, कृतिका-गूलर, रोहिणी-जामुन, मृगशिरा-खैर, आद्रा-शीशम, पुनर्वसु-बांस, पुष्य-पीपल, आश्लेषा-नागकेसर, मेधा-बरगद, पूर्वी फाल्गुनी ढाक, उत्तरी फाल्गुनी-पाकड़, हस्त-रीठा, चित्रा-बेल, स्वाति-अर्जुन, विशाखा-कंडाई, अनुराधा-मौलश्री, ज्येष्ठा-चीड़, मूला-साल, पूर्वाषाढ़ा-जलवेतर, उत्तराषाढ़ा-कटहल, श्रवण-शमी, धनिष्ठा-मदार, शतभिषक-कदंब, पूर्वी भाद्रपद-आम और उत्तरी भाद्रपद-नीम, रेवती-महुआ के पौधे आस्था का प्रतीक माना जाता है.

विलुप्त और संरक्षित प्रजातियों के पौधों को किया संरक्षित

वन अनुसंधान केंद्र के वन क्षेत्राधिकारी मदन सिंह बिष्ट ने बताया कि उत्तराखंड अनुसंधान केंद्र अपने कई उपलब्धियों के लिए जाना जाता है, जहां कई विलुप्त और संरक्षित प्रजातियों के पौधों को संरक्षित करने का काम कर रहा है. मनुष्य के जीवन में नक्षत्रों का बड़ा महत्व होता है.

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ऐसे में अगर व्यक्ति अपने जन्म के नक्षत्र के हिसाब से पौधे का रोपण उसकी देखभाल और उसका पूजा करें तो उसके नक्षत्र के हिसाब से उसको फल की प्राप्ति होती है.

चमोली: 27 नक्षत्रों के लिए 27 खास पौधे, गोपेश्वर की शान बनी 'दिव्य नक्षत्र वाटिका' - divya nakshatra vatika in gopeshwar plantation localuk – News18 हिंदी

उन्होंने बताया कि अनुसंधान केंद्र द्वारा नौ ग्रह और राशि वाटिका की भी स्थापना की गई है, जो अनुसंधान केंद्र की शोभा बढ़ा रहे हैं और लोग अपने नक्षत्र और राशि के अनुसार यहां से पौधे ले जाकर संरक्षित करने का भी काम करते हैं.

 

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