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उत्तराखंड के गंगोत्री धाम में 52 साधु बाबा कर रहे हैं कठोर साधना, -10 डिग्री पर होने वाली इस साधना में इस बार होगा ये बड़ा काम

भारत ऋषि मुनियों का देश है। यहाँ पर आपको बड़े बड़े साधु तपस्वी देखने को मिलेंगे जो हिमालय की पर्वत मालाओं में बहुत  ही  दुर्गम परिस्थियों मे साधना करते हैं । ऐसे ही 52 साधु बाबा अगले 3 महीने सर्दी के विषम हालत में  उत्तरकाशी में स्थित गंगोत्री धाम में साधना में लीन रहेंगे ।

आपको बता दें अगले तीन महीनों तक गंगोत्री क्षेत्र पूरी तरह बर्फ से ढका रहेगा, लेकिन उस वक्त भी यहां 52 साधु-संत मौजूद रहेंगे, जो कि यहां साधना करेंगे। इस वर्ष इन संतों की साधना को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन ने एक शानदार काम किया है।

जुटाया गया साधुओं का रिकॉर्ड

प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस ने शीतकाल में गंगोत्री में रहने वाले साधुओं का वैरिफिकेशन किया है। सुरक्षा की दृष्टि से उनका रिकॉर्ड जुटाया गया है। इन साधुओं का रिकॉर्ड होने से एक फायदा ये भी होगा कि यहाँ पर आपातकालीन स्थिति में समय रहते ही इन  साधु-संतों को मदद पहुचायी जा सकेगी।

उत्तरकाशी के माइनस 10 डिग्री कड़ाके की ठंड के बीच साधना करेंगे 52 साधु | 52 sadhus will do sadhna amidst severe cold of minus 10 degree in Uttarkashi | उत्तरकाशी के

रविवार को पुलिस ने गंगोत्री धाम पहुंचकर सत्यापन की कार्यवाही पूरी की। भोजवासा, तपोवन व कनखू बैरियर में रहने वाले सात संतों का भी सत्यापन किया जाना है।

कड़ाके की सर्दी में करते हैं तपस्या

बता दें कि शीतकाल के दौरान हर साल शून्य से नीचे तापमान में कई साधु-संत गंगोत्री से लेकर तपोवन तक साधना करते हैं। इस बार भी 52 साधु-संत साधना के लिए गंगोत्री, कनखू, भोजवासा और तपोवन पहुंचे हैं, लेकिन इनके सत्यापन का काम पहली बार हुआ है।

तपोवन, शिवलिंग पर्वत और बाबाजी

बीते वर्षों तक पुलिस और प्रशासन के पास साधना करने वाले साधु-संतों का सही आंकड़ा नहीं होता था। गंगोत्री क्षेत्र तीन महीने तक पूरी तरह बर्फ से ढका रहता है, जिसकी वजह से यहाँ पर पीने का पानी प्राप्त करने के लिए  भी बर्फ को पिघलाना पड़ता है, जबकि यहाँ पर तप करने वाले साधुओं को  साधना अवधि के लिए राशन व् अन्य जरुरी सामान की व्यवस्था पहले से ही कर दी जाती है।

Interesting & Unknown Facts About Gangotri Dham Temple

इस वर्ष यहाँ पर  पुलिस अधीक्षक अपर्ण यदुवंशी के निर्देश पर साधना करने वाले सभी साधु संतों का सारा ब्यौरा जुटाया गया है, जिससे किसी भी आपात स्थिति में यहाँ  उनकी मदद की जा सके। और साधु संतों की साधन में किसी भी प्रकार का विघ्न न आये ।

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