गर्भगृह स्वर्णमंडित होने के बाद केदारनाथ धाम की सुरक्षा व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है।
अब यात्राकाल के साथ ही शीतकाल में भी धाम पुलिस और मंदिर समिति की निगरानी में रहेगा।
धाम में पूरे शीतकाल के लिए एक सब इंस्पेक्टर समेत 12 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
साथ ही सीसीटीवी कैमरों से भी धाम की सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखी जाएगी।
27 अक्टूबर को मंदिर के कपाट बंद होने से पूर्व करीब 30 किलो सोने से धाम के गर्भगृह को स्वर्णमंडित कर दिया गया था।
गर्भगृह स्वर्णमंडित होने के कारण पुलिसकर्मी नियमित रूप से शीतकाल के लिए धाम में तैनात किए गए हैं।
रोस्टर के हिसाब से एक महीने बाद अन्य पुलिस कर्मियों को वहां भेजकर इन्हें धाम से वापस बुला लिया जाएगा।
रोस्टर के हिसाब से एक महीने बाद अन्य पुलिस कर्मियों को वहां भेजकर इन्हें धाम से वापस बुला लिया जाएगा।
मंदिर समिति के कर्मचारी भी रोस्टर के हिसाब से धाम में नियमित ड्यूटी देंगे
अब धाम में शीतकाल के दौरान भी विद्युत आपूर्ति सुचारू रहेगी।
साथ ही पेयजल व राशन की व्यवस्था भी मंदिर समिति की ओर से की गई है।
वर्ष 1996, वर्ष 2006 व वर्ष 2007 में चोरी की तीन घटनाएं हो चुकी हैं।
वर्ष 1996 व् 2007 में मंदिर के ऊपर का कलश चोरी हो गया था.
वहीं, वर्ष 2006 में मंदिर का ताला तोड़कर वहां से चांदी की प्लेट व अन्य सामग्री चोरी हो गई थी।
इस दौरान 15 फीट तक बर्फ और माइनस 20 डिग्री तापमान में भी पुलिस कर्मियों ने वहां ड्यूटी करेंगे।