आस्था नहीं मानती सरहदों की बंदिशे , 306 पाकिस्तानी हिंदुओं श्रद्धालुओं का दल हरिद्वार पहुंचा
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आस्था नहीं मानती सरहदों की बंदिशे , 306 पाकिस्तानी हिंदुओं श्रद्धालुओं का दल हरिद्वार पहुंचा, लगाई गंगा में डुबकी

कहते हैं मनुष्य की आस्था के आगे सरहदें भी कोई मायने नहीं रखती हैं . इसी को बात को साक्षात् करता है यह घटना क्रम जिसमे पाकिस्तानी हिंदुओं के एक समूह ने हाल ही में हरिद्वार, के दौरे पर आये हुए हैं  । उन सभी ने यह विश्वास करते हुए गंगा नदी में डुबकी लगाई कि भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक सद्भाव बना रहना चाहिए।

देश के बंटवारे के बाद दोनों देशों की सीमाएं भले ही अलग-अलग सरकारें बन गई हों, लेकिन आस्था के मामले में ये सब एक-दूसरे की तुलना में कुछ भी नहीं हैं।

पाकिस्तानी श्रद्धालुओं का एक 306 हिंदुओं का जत्था धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचा।  - The Netizen News

हर साल, पाकिस्तानी हिंदुओं का एक समूह पवित्र शहर हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाने के लिए भारत आता है। इनमें से 306 इन दिनों देश के कुछ सबसे प्रसिद्ध मंदिरों और आश्रमों के भ्रमण पर हैं ।

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पाकिस्तानी भक्त अनीता चावला और अशोक जसवानी भी ऐसा मानते हैं। वे कहते हैं कि भले ही दुनिया में अलग-अलग सरकारें हैं, लेकिन मूल रूप से लोग एक ही हैं। भगवान की पूजा उनके बीच किसी भी विभाजन को मिटाने में मदद कर सकती है . समझ और सहयोग की यह भावना दुनिया में शांति और सद्भाव लाने में मदद कर सकती है।

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एक पाकिस्तानी भक्त गोविंद राम मखीजा ने हमें बताया कि सिंध प्रांत के हिंदू भक्त सिंधु नदी से पानी लाते हैं और इसे गंगा नदी के पानी में मिलाकर दोनों नदियों को मिलाते हैं। यह सिलसिला 1976 से लगातार चल रहा है, जब भारत-पाक समझौता हुआ था। श्री मखीजा ने यह भी कहा कि दोनों धर्मों के बीच की सीमाएं बहुत छोटी हैं और दोनों धर्म आपस में जुड़े हुए हैं।

भारत आकर बोले पाकिस्तानी हिंदू-हरिद्वार में महसूस हो रहा घर जैसा माहौल,  बार-बार आने की जताई इच्छा - Pakistani hindu reached haridwar for shadani  darbar program – News18 ...
पाकिस्तानी श्रद्धालु  पारस चावला बताते हैं की मैं तीसरी बार भारत आ रहा हूं और कानून की पढ़ाई कर रहा हूं। मुझे वास्तव में भारत आकर बहुत अच्छा लगता है और मैं यहां बहुत सहज महसूस करता हूं। यहां हरिद्वार में जिस तरह का माहौल है, वह मुझे बहुत पसंद है। मैं यहां वापस आना चाहता हूं और जल्द ही दोबारा आना चाहता हूं। मेरी बहनें और बेटियाँ सभी डॉक्टर, इंजीनियर या वकील हैं और वे सभी भारत के बाहर काम कर रही हैं।
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वही पाकिस्तानी श्रद्धालु गोविन्द राम कहते हैं की हमारे परिवार को कई बार देवभूमि मंदिर जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। हमारी बहन-बेटियां दोनों पुलिस और कोर्ट में सेवा दे रही हैं।

Partition of 1947 continues to haunt India, Pakistan

वह भारत आकर हम वास्तव में खुश हैं । हमें उम्मीद है कि वह बार-बार वापस आएंगे। पाकिस्तान में कोई समस्या नहीं है और हमारा कारोबार अच्छा चल रहा है। हमारे बच्चे भी वहां अच्छी नौकरी कर पा रहे हैं।

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