कहते सफलत सिर्फ मेहनत की गुलाम होती हैं , अगर मन में सच्ची लगन है तो किसी मुकाम तक पंहुचा सकता । चाहे आप के अंदर किती भी कमी क्यों न हो लेकिन अगर आप बिना झिझके अपने लक्ष्य की लिए मेहनत करें तो कोई भी रुकावट आपका रास्ता नहीं रोक सकती है ।
आज हम आपको उत्तराखंड की ऐसे ही एक बेटी के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने अपने मेहनत से आईएएस अफसर का पद प्राप्त किया और अपने सपनों को सच करके दिखाया . जी हां हम बात कर रहे रहे हैं 3 फुट 6 इंच हाइट वाली आईएएस अफसर आरती डोगरा की. आरती मूल रूप से उत्तराखंड के देहरादून 2006 बैच की आईएएस अधिकारी हैं.
देहरादून से की प्रारंभिक पढाई
आपको बता दें आरती बचपन से ही होनहार छात्रा रही हैं . उनकी की स्कूलिंग देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल में हुई. उसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स में स्नातक किया .

आपको बता दें आरती अपने माता पिता की इकलौती संतान हैं. उनके पिता राजेन्द्र डोगरा पेश से भारतीय सेना में कर्नल और मां कुमकुम स्कूल प्रिसिंपल हैं.
आरती का जन्म देहरादून में हुआ, जन्म के समय डॉक्टरों ने कहा कि वह एक नियमित स्कूल में नहीं सीख पाएगी और कई लोगों को लगा कि वह असामान्य है। उसके माता-पिता ने उसे एक ऐसे स्कूल में डालने का फैसला किया जहाँ उसकी उम्र के अन्य बच्चे पढ़ रहे थे।
आरती का बचपन देहरादून में बीता है . दिल्ली से ग्रैजुएशन करने के बाद वे पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए वापस देरहरादून गई.yahan उनकी मुलाकात देहरादून की डीएम आईएएस मनीषा पंवार से हुई.
जिन्होंने उन्हें IAS बनने के लिए प्रेरित किया , जिसके बाद उन्होंने अपने मन में आईएएस बनाने की ठान ली और मेहनत में जुट गयी जिसके बाद अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने लिखित परीक्षा और साक्षात्कार पास किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने भी तारीफ
आरती भले ही कद में छोटी हैं लेकिन उन्होंने ऐसे कई बड़े कार्य किये जिससे वे महिलाओं के लिए मिसाल बन गई हैं। . आपको बता दें आरती डोगरा राज्थान केडर की IAS अधिकारी है ।
उन्होंने राजस्थान में बीकानेर, जोधपुर और बूंदी जिलों में IAS अधिकारी रहते हुए समाज हित में बड़े फैसले लिए। आरती ने “बैंको बिकानो” नाम से एक अभियान शुरू किया। यह अभियान लोगों को खुले में शौच न करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बनाया गया था।
पक्के शौचालय बनाए गए थे और इनकी निगरानी मोबाइल सॉफ्टवेयर से की जाती थी। यह अभियान तब तक सफल रहा जब तक कि 195 ग्राम पंचायतों में पक्के शौचालय नहीं हो गए।
इनके काम करने के मॉडल को देख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ने भी उनकी जमकर तारीफ की है । आरती डोगरा द्वारा खुले में शौच से मुक्ति के लिए शुरू किए गए स्वच्छता मॉडल ‘बंको बिकाणो’ अभियान शुरू किया। जिसकी पीएमओ द्वारा खूब तारीफ की गयी ।