आयुष्मान भारत योजना का दूसरा नाम प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भी है। इस योजना के तहत सरकार गरीब व् काम आय वाले लोगों को मुफ्त में 5 लाख रुपये तक का इलाज कराने की सुविधा प्रदानकर रही है। योजना का प्राप्त करने को गोल्डन कार्ड बनवाना होता है।
इस योजना के तहत उत्तराखंड सरकार ने भी आयुष्मान योजना का लाभ लोगों तक सभी जरुरत मंद लोगों तक पहुंचाने के लिए केकदम उठाये हैं । उत्तराखंड सरकार द्वारा इस योजना से लिंक सभी सरकारी व् निजी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में आयुष्मान मित्र की नियुक्ति की जायगी।
हर 10 मरीज पर एक आयुष्मान मित्र
स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के अनुसार आयुष्मान योजना में उत्तराखंड में हर 10 मरीज पर एक आयुष्मान मित्र की नियुक्ति की जायगी । वहीं हर मेडिकल कॉलेजों में योजना के अनुसार इलाज के लिए मरीजों की संख्या का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित बैठक में कहा कि आयुष्मान योजना का लाभ सबको मिल सके इसी लिए लोगों की सहायता करने के लिए आयुष्मान मित्र की तैनाती की गई है।
मरीजों के दस्तावेज करेंगे तैयार
आयुष्मान मित्र का प्रमुख कार्य , मरीजों के इलाज सम्बन्धी दस्तावेज तैयार करना , आयुष्मान कार्ड बनाना , बिल बाउचर बनाना एवं बिल भुगतान की प्रक्रिया पूरी करने का होगा । भारतीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से प्रति मरीज के हिसाब से भुगतान करने की प्रक्रिया में सहायता करेंगे ।

आयुष्मान योजना के तहत मरीजों के इलाज के लिए लक्ष्य भी तय किया गया है। जिसमे दून मेडिकल कॉलेज को हर साल 25 हजार, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज को हर साल 20 हजार, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को 10 हजार एवं अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को पांच हजार मरीजों का इलाज करने लक्ष्य रखा गया है।
सरकारी, निजी एवं मेडिकल कॉलेजों में मिलेगी सुविधा
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल कर्मचारियों को हर तीन महीनें में प्रोत्साहन राशि देने के निर्देश दिए हैं । उन्होंने कहा कि मरीजों को दुसरे हॉस्पिटल में तभी रेफर किया जाए जब अस्पताल में इलाज संभव न हो सके ।

बता दें आयुष्मान मित्र, आयुष्मान योजना के तहत लाभार्थी को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के दौरान आने सभी समस्याओं का समाधान करने में उनकी लाभार्थी की मदद करेंगे.