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उत्तराखंड की इन दो बच्चों की मम्मी ने बनायीं सफलता की मिसाल , न्यायिक सेवा परीक्षा पास कर बन गयी जज

कहते हैं अगर इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता . आज उत्तरखंड की महिलाएं अपने प्रतिभा से  पूरे राज्य  का मान रोशन कर रही हम अक्सर आपको ऐसी ही होनहार महिलाओं से रूबरू करवाते रहते हैं .

इसी क्रम में आज हम आपको उत्तराखंड की ऐसी ही एक महिला से रूबरू करवा रहे हैं जिनहे अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ साथ  उच्च न्यायिक सेवा की परीक्षा पास की है और पूरे देश में अपने मेहनत के झंडे गाड़ दिए हैं ।

उत्तराखंड की इस मम्मी ने पहले ही प्रयास में पायी न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता , अब बनेगी जज

 

हम बात कर रहे हैं  । पौड़ी गढ़वाल के खिर्सू ब्लॉक में रहने वालीं अंजलि बेंजवाल बहुगुणा  . जोकि दो  बच्चों  की  माँ भी हैं।

उत्तराखंड उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा में अंजलि बेंजवाल ने हासिल की सफलता, आप भी दें बधाई | Daily Uttarakhand

 

अंजलि की सफलता ने साबित कर दिया कि अगर मन में ठान लिया जाए तो शादी के बाद भी अपनी मंजिल को पाया जा सकता है।  अंजलि बेंजवाल बहुगुणा ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर अंजलि ने पहले ही प्रयास में इसमें सफलता हासिल कर ली।

उत्तराखंड की इस मम्मी ने पहले ही प्रयास में पायी न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता , अब बनेगी जज

 

परिवार के सहयोग से पायी सफलता 

बलौड़ी गांव की अंजलि बेंजवाल बहुगुणा का चयन उच्च न्यायिक सेवा में हुआ है। वह अपर जिला जज बनेंगी। इस परीक्षा को बेहद कठिन माना जाता है, लेकिन अपनी कड़ी मेहनत के दम पर अंजलि ने पहले ही प्रयास में इसमें सफलता हासिल कर ली। अब वो अपर जिला जज के तौर पर सेवाएं देंगी।

उत्तराखंड की इस मम्मी ने पहले ही प्रयास में पायी न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता , अब बनेगी जज

अंजलि की इस सफलता में उनके परिवार और खासतौर पर सास-ससुर का विशेष योगदान रहा। सास और ससुर ने बहू को पढ़ने और हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। अंजलि पढ़ाई में जुटी रहतीं, ऐसे में उनके बच्चों की देखभाल का जिम्मा सास-ससुर ने अपने कंधों पर उठा लिया। अंजलि ने भी उनके त्याग को समझा और अपने और उनके सपने पूरे करने में जुट गईं

उत्तराखंड की इस मम्मी ने पहले ही प्रयास में पायी न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता , अब बनेगी जज

दो बच्चों के साथ पायी सफलता 

अंजलि के पति अतुल बहुगुणा उत्तराखंड हाई कोर्ट में केंद्र एवं राज्य सरकार के वकील हैं। जबकि अंजलि नैनीताल हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करती हैं। अंजलि का मायका रुद्रप्रयाग के बैंजी गांव में है। अंजलि के पिता कात्यायनी प्रसाद बेंजवाल दिल्ली विश्वविद्यालय में ज्वाइंट रजिस्ट्रार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

उत्तराखंड की इस मम्मी ने पहले ही प्रयास में पायी न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता , अब बनेगी जज

परिजनों ने बताया कि अंजलि की पढ़ाई जारी रह सके, इसलिए उनके 6 साल के बेटे हनु को देहरादून में दादा-दादी के साथ रखा गया।

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इंटरव्यू के लिए अंजलि अपनी एक माह की बेटी को गोद में लिए इंटरव्यू में हिस्सा लेने गई थीं। अंजलि की मेहनत और पूरे परिवार के त्याग से अंजलि अपने सपने को साकार करने में कामयाब रहीं।  

 

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