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उत्तराखंड की इस महिला ने किया अपने स्वरोजगार ‘आराधना धूप’ से कमाल , अपने साथ संवारा कई महिलाओं का जीवन

उत्तराखंड की की  महिलाओं की सफलता की कहानी से अक्सर हम आपको रूबरू करवाते हैं . जैसा की हम सभी जानते हैं की पहाड़ में रोजगार के अवसर  काम होने के कारण अक्सर लोग नौकरी के लिए पलायन कर जाते हैं । कुछ पैसे के लिए अपनी जमीन व् मातृभूमि को छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं । लेकिन कुछ ऐसे होनहार भी हैं जो नौकरी के लिए घर छोड़ने के बजाय यही रह कर काम करते हैं और साथ दूसरों भी रोजगार देते हैं ।

ऐसी ही एक शख्सियत से आज हम आपको रूबरू करवा रहे  हैं जिन्होंने  नौकरी न स्वरोजगार की राह चुनी और अपने साथ अन्य लोगों को भी काम दिया . हम बात  कर रहे हैं टिहरी जिले के चंबा प्रखंड की रानीचौरी निवासी सुषमा बहुगुणा की . सुषमा जी ने अपने धूपबत्ती बनाने का कारोबार ‘आराधना धूप’ शुरू कर खुद की अलग पहचान बनाई है । और अपने साथ कई कई महिलाओं को रोजगार भी दिया है ।

इस्तेमाल किये गए फूलों से शुरू की अगरबत्ती लघु उद्योग

मूल रूप  से टिहरी जिले के चंबा प्रखंड रानीचौरी की रहने वाली 33 वर्षीय सुषमा बहुगुणा ने एमए-बीएड  की डिग्री प्राप्त की है . एक समय में जब उनके पति भी बेरोजगार थे तब उन्होंने  नौकरी को न चुन कर उन्होंने अपना कुछ कामकरने के बारे सोचा . जिससे वे अपने साथ साथ और को रोजगार  दे सकें . उन्होंने शादियों व् मंदिरों आदि में इस्तेमाल किये फूलों को  बर्बाद होने के बजाय इकट्ठा कर करने  की सोची और इन्ही धूपबत्ती बनाने का काम ‘आराधना धूप’ को शुरू किया ।

उत्तराखंड की ये महिला ने किया अपने स्वरोजगार से कमाल , अपने साथ संवारा कई महिलाओं का जीवन

अपने इस स्वरोजगार की ट्रेनिंग लेकर उन्होंने अपना कारोबार शुरू किया  । सुषमा जी ने  धूपबत्ती बनाने का कारोबार शुरू कर खुद की अलग पहचान बनाई और अपने साथ आज दो दर्जन से अधिक महिलाएं परिवार की आर्थिकी संवार रही हैं। अब वे रानीचौरी में ही महिलाओं का समूह गठित कर ‘आराधना धूप’ के नाम से इस काम को कर रही हैं ।

पलायन के लिए बनी प्रेरणा

आज के समय में जब ज़्यदातर लोग काम के लिए अपना घर  छोड़ कर पलायन कर जाते हैं या फिर नौकरी करके केवल अपने लिए पैसे कमाते हैं ऐसे  सुषमा बहुगुणा सभी केलिए एक प्रेरणा हैं जिन्होंने अपने साथ कई और लोगों के लिए भी रोजगार के रस्ते खोले हैं सुंश्मा कहती है की अगर अपना अपन प्रोडक्ट ठीक से चुना है तो आपको मार्किट की चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है .

उत्तराखंड की ये महिला ने किया अपने स्वरोजगार से कमाल , अपने साथ संवारा कई महिलाओं का जीवन
सुषमा आज अपने धुप बत्ती के काम  में हर माह में ‘आराधना धूप’ के लगभग 5000 धूपबत्ती के डिब्बे तैयार करती है। जिनको वे मार्किट में काफी आसानी से बेचती हैं . अपने ही जिल में उनके बनाये गए सरे डिब्बे बिक जाते हैं जिससे वे लगभग 50000 हज़ार   तक का मुनाफा बना लेती हैं ।  अब वे  धूपबत्ती के साथ साथ  अगरबत्ती व हवन सामग्री जैसे उत्पाद बनाने की तैयारी में हैं . जिससे और अधिक महिलाओं रोजगार दिया जा सके .

उत्तराखंड की ये महिला ने किया अपने स्वरोजगार से कमाल , अपने साथ संवारा कई महिलाओं का जीवन

सुषमा को अपने इस कार्य के अब तक  कई पुरुस्कारों से सम्म्मानित किया जा चूका है ।  मुख्यमंत्री पुष्कर  सिंह धामी  और  राजपाल ने भी उनके इस सराहनीय काम के सम्मानित किया  है।
https://news.google.com/publications/CAAqBwgKMK3Gwgswz-HZAw?hl=en-IN&gl=IN&ceid=IN:en

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