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उत्तराखंड के बागेश्वर के बीडीओ और एबीडीओ साहब बने मानवता की मिसाल, खून देकर बचाई गर्भवती महिला की जान

कहते हैं  मानव रक्त का कोई विकल्प नहीं है । इसी वजहें से साकार व् समाज कल्याण संस्थाओं  द्वारा समय समय पर रक्त दान शिविर का आयोजन किया जाता है । इस इकठा किये रक्त से कए ऐसे लोगों की जान बचाई जाती है । जिन्हे इनकी आवश्यंकता है । इस लिए रक्त दान को महादान भी कहा जाता है ।

हाल ही उत्तराखंड के बागेश्वर में सरकारी अधिकारीयों ने रक्त दान कर मानवता एक मिसाल क़याम की . प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड विकास पदाधिकारी आलोक भंडारी व सहायक प्रखंड विकास पदाधिकारी बीबी जोशी के रक्त दान कर  एक महिला की जान बच गयी।

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मामला जिला अस्पताल बागेश्वर का है . जहाँ पर नई बस्ती चौरासी निवासी तारा देवी को प्रसव के लिए जिला अस्पताल बागेश्वर में भर्ती कराया गया था। प्रसव के दौरान, उसे अत्यधिक रक्तस्राव का सामना करना पड़ा, जिससे उसे चक्कर आने लगे और वह बेहद कमजोर हो गई, जिससे उसकी जान जोखिम में पड़ गई।

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लेकिन , ब्लड बैंक के प्रभारी ने सूचित किया कि उस समय रक्त उपलब्ध नहीं था। ऐसी स्थिति में पीड़िता की जान पर बन आयी और  विकट परिस्थिति में परिजन परेशान हो गए और फौरन रेडक्रॉस के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य दीपक पाठक के पास मदद के लिए पहुंच गए. दीपक पाठक ने तुरंत महिला की जान बचाने के लिए सोशल मीडिया के जरिए रक्तदान की अपील की।

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जवाब में प्रखंड विकास पदाधिकारी आलोक भंडारी व सहायक प्रखंड विकास पदाधिकारी बीबी जोशी ने ब्लड बैंक में एक-एक यूनिट रक्तदान किया. उनकी दरियादिली से महिला की जान बच गई। फलस्वरूप महिला के परिजनों ने रेडक्रॉस के दीपक पाठक सहित प्रखंड विकास पदाधिकारी आलोक भंडारी व सहायक प्रखंड विकास पदाधिकारी बसंत बल्लभ जोशी का आभार व्यक्त किया.

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