देहरादून की इस महिला किसान ने किया मशरूम की खेती से कमाल , मशरूम उगाकर कमाती हैं लाखों रुपये
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देहरादून की इस महिला किसान ने किया मशरूम की खेती से कमाल , मशरूम उगाकर कमाती हैं लाखों रुपये

उत्तराखंड की महिलाएं कड़ी मेहनत और सफलता के हमेशा संघर्ष शील रही है . और पलायन छोड़ कर अपने दम आज कइयों को रोजगार दे रही हैं . अपने लेखों के माधयम से हम आपको अक्सर ऐसी ही देवभूमि की नारी शक्तियों से रूबरू करवाते रहते हैं .

ऐसी कई महिलाएं हैं जिन्होंने सफलतापूर्वक पलायन को मात देकर काम  किया है और पहाड़ों में जीवन यापन किया है, इसलिए उनसे सीखना महत्वपूर्ण है। आज हम आपको ऐसी ही एक महिला उद्धयमी गीता उपाध्याय से मिलवा रहे है जिन्होंने देहरादून में  मशरूम की खेती में सफल करियर बनाकर यह मुकाम हासिल किया है।

वह अन्य महिलाओं के लिए एक आदर्श हैं और उन्होंने उन्हें सिखाया है कि इस क्षेत्र में कैसे सफल होना है। गीता उपाध्याय उत्तराखंड  के देहरादून से हैं, और उन्होंने पैसे कमाने के तरीके के रूप में मशरूम बनाना शुरू किया। वह अब अन्य महिलाओं के लिए एक आदर्श हैं, क्योंकि उन्होंने उन्हें दिखाया है कि मशरूम एक सफल व्यवसाय उद्यम हो सकता है।

तस्‍वीरों में देखें देहरादून की एक महिला किसान का कमाल, मशरूम की खेती से शुरू किया रोजगार, कमा रहीं लाखों - woman farmer of Dehradun started employment with mushroom ...
गीता उपाध्याय नकरौंदा गांव की रहने वाली महिला हैं। वह अजय स्वालंबन सेंटर नाम से एक सेंटर चलाती हैं। यह केंद्र लोगों को सब्जियां, जानवर और मत्स्य पालन में मदद करता है। गीता और उनके परिवार की आय का एक अन्य स्रोत मशरूम उत्पादन है। गीता का मानना ​​है कि इस तरह की खेती भविष्य में जीविकोपार्जन का अच्छा जरिया बन सकती है।

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गीता बताती हैं मशरूम उत्पादन  से आप 90 दिनों में मूल निवेश से दोगुना लाभ कमा सकते हैं। 90 दिनों में 500 बैग मशरूम से लेकर 10 क्विंटल मशरूम तक का उत्पादन किया जा सकता है। यह उत्पाद बाजार में 150 रुपये प्रति किलो बिकता है। गीता इस तरह मशरूम उत्पादन से डेढ़ से दो लाख रुपए कमा रही है।

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मशरूम एक कम कैलोरी वाली सब्जी है जो पोषक तत्वों से भरपूर होती है। मशरूम खाने से वजन, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। गीता ने मशरूम उगाने के लिए दो कमरे बनाए हैं।

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गीता कहती हैं कि भले ही पहाड़ में  संसाधनों की कमी  है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि महिलाएं आत्मनिर्भर होने के सामने आये अवसरों का लाभ उठाएं। स्व-रोजगार में सफल होने के लिए साहस और परिवार के सहयोग की आवश्यकता होती है।

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गीता एक महिला है जो एक किसान और मशरूम उत्पादक के रूप में अपने करियर में बहुत अच्छा कर रही है। उसने इस व्यवसाय को अपने पति दीपक उपाध्याय और परिवार के साथ कर रही हैं , और अब वह अन्य महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई है जो अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के तरीकों की तलाश कर रही हैं।

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