आज समय ऐसा है की इंसान इंसान की मदद नहीं कर रहा है . लोग केवल अपने फायदे के लिए एक दुसरे के साथ देते हैं . इस भाग दौड़ा के जीवन में सड़क पर कोई इन्सान की मदद के लिए नहीं रुकता है , लेकिन देहरादून की एक महिला ने अपनी जान की चिंता न करते हुए एक घायल गुलदार का जीवन बचा कर इंसानियत की मिसाल पेश की है ।
देहरादून की रमनदीप ने ऐसा कारनामा किया है जिससे हर जगह उनकी सराहना हो रही है , उन्होंने सड़क के किनारे पड़े घायल गुलदार अस्पताल पहुंचाया और उसकी जान बचाई ।
ज्यादातर लोग गुलदार से डरते हैं, लेकिन प्रेमनगर की रमनदीप कौर ने हिम्मत दिखाई। उनकी इस दिलेरी से सबको चौंका दिया।
रविवार शाम पोंधा मार्ग स्थित नंदा चौकी के पास एक वाहन ने शावक को टक्कर मार दी। शावक गंभीर रूप से घायल हो गया और बेहोश हो गया। इस दौरान कई वाहन वहां से गुजरे, लेकिन किसी ने वन विभाग को सूचना नहीं दी और न ही उसे अस्पताल ले जाने की जहमत उठाई.
पोंधा स्थित गुरुद्वारे में आई रमनदीप कौर ने सड़क किनारे घायल शावक को देखा। उन्होंने देखा कि शावक को चोट लगी है और उसके मुंह से खून निकल रहा है।
महिला ने शावक को सांस लेते देखा तो उसे प्रेमनगर ले गई। उन्होंने कुणाल ग्रोवर नाम के एक वकील से संपर्क किया, जो जिला पशु क्रूरता निवारण समिति में हैं। इस बारे में वन विभाग को भी बताया गया।
सड़क किनारे पड़े घायल शावक को रमनदीप ने अपनी कार से अस्पताल पहुंचाया। हालांकि वन विभाग की टीम ने शावक को अपने कब्जे में लेकर इलाज के लिए देहरादून चिड़ियाघर ले गई।
कुणाल ग्रोवर ने हमें बताया कि एक शावक के सिर पर चोट थी और वह बेहोश था. वन विभाग से झझरा रेंज के रेंजर जितेंद्र गुसाईं व रेस्क्यू टीम के अरशद खान व जितेंद्र बिष्ट घटनास्थल पर पहुंचे. वे शावक को वन विभाग के वाहन से देहरादून चिड़ियाघर ले गए, जहां उसका इलाज चल रहा है।