नैनीताल, उत्तराखंड में, अपने सुंदर प्राकृतिक परिवेश और आबोहवा के लिए जाना जाता है। यह स्थान पूरे भारत और विदेशों के लोगों को आकर्षित करता है, सुंदरता के अलावा यहां आने वाले पर्यटक यहाँ बिकने वाली रंगीन हाथ से बनी मोमबत्तियों से आकर्षित होते हैं।
मोमबत्तियां आमतौर पर नैनीताल और माल रोड के बाजारों में बिकती हैं। इनकी कीमत 50 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक है। कुछ पर्यटक सरोवर नगरी से मोमबत्तियाँ स्मृति चिन्ह के रूप में घर वापस ले जाते हैं।
मोमबत्तियां जितनी खूबसूरत और रंगीन होती हैं, उन्हें बनाने में उतनी ही ज्यादा मेहनत लगती है।
वर्षा मेहरोत्रा 50 वर्षों से मोमबत्ती के व्यवसाय में काम कर रही हैं और उन्हें नैनीताल की जलवायु बहुत पसंद है क्योंकि यह मोमबत्ती बनाने के लिए एकदम सही है। वह कहती हैं कि मोमबत्तियां सीमित किस्म के फ्लेवर के साथ बनाई जाती थीं, लेकिन अब कई तरह की मोमबत्तियां बनाई जा रही हैं।
मोमबत्ती के है कई फ्लेवर
कई तरह की मोमबत्तियां हैं जो लोगों को बहुत पसंद आती हैं। उनमें से कुछ जेल मोमबत्ती, अरोमा मोमबत्ती, कुमाऊंनी अप्पन मोमबत्ती, फ्लोटिंग मोमबत्ती, डिजाइनर मोमबत्ती, बॉल मोमबत्ती, अंगूर मोमबत्ती, बियर मग मोमबत्ती, और आइसक्रीम मोमबत्ती हैं।
वे बताती हैं कि जब 1970 के दशक में मोमबत्तियों का का काम यहाँ शुरूकिया गया , तो शुरुआती समय याच के आकार के थे। हालाँकि, आजकल कई अलग-अलग प्रकार की मोमबत्तियाँ हैं, जिनमें सुगंध छोड़ने वाली मोमबत्तियाँ भी शामिल हैं।
कुछ लोग सुगंधित मोमबत्तियों का उपयोग करना पसंद करते हैं, जबकि अन्य कई तरह की मोमबत्तियाँ को भी पसंद किया जाता है।ये मोमबत्तियाँ देखने में सुंदर लगती हैं और इन्हें बड़ी मेहनत और कुशलता से सजाया गया है। उन्हें ऐसा लुक देने में काफी मेहनत लगती है।
हाथों से बनाई जानी वाली मोमबत्ती है ख़ास
पुष्पा मेहरा नाम की एक व्यवसायी हमें बताती हैं कि मोम को पिघलाकर और चमकीले रंग डालकर मोमबत्तियां बनाई जाती हैं। कुछ मोमबत्तियाँ कांच और अन्य सांचों को मोम से भरकर बनाई जाती हैं, जबकि अन्य हाथ से बनाई जाती हैं।
इन्हें बनाने में किसी मशीन का इस्तेमाल नहीं होता, जो इन मोमबत्तियों की खासियत है। और जिनकी यहाँ पर बहुत अधिक डिमांड रहती है ।