उत्तराखंड के इस युवा ने अपने पिता के मैगी प्वाइंट को किया पूरे अल्मोड़ा में फेमस , छोड़ दी थी 11 लाख का पैकेज नौकरी भी
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उत्तराखंड के इस युवा ने अपने पिता के मैगी प्वाइंट को किया पूरे अल्मोड़ा में फेमस , छोड़ दी थी 11 लाख का पैकेज नौकरी भी

आज कई युवा बड़े शहरों में नौकरी की तलाश में हैं। हालाँकि, यदि आपके पास एक अच्छा विचार है और आप दृढ़ हैं, तो आप एक छोटे शहर में अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि पहाड़ों में नौकरी के अवसर नहीं हैं, क्योंकि वहां संसाधन नहीं हैं। लेकिन अगर आप में कुछ कर गुजरने की हिम्मत है तो  पहाड़ों में रहकर भी बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं।

ऐसे ही एक युवा से आज हम आपको रूबरू करा रहे हैं जिसने  अपने पिता के साथ काम करना शुरू किया और अपनी  लाखों का पैकेज छोड़ दी । और पिता के मैगी प्वाइंटट को नयी ऊंचाइयों तक पहुंचाया

उत्तराखंड के इस युवा ने अपने पिता के मैगी प्वाइंट को किया पूरे अल्मोड़ा में फेमस , छोड़ दी थी 11 लाख का पैकेज नौकरी भी

अल्मोड़ा का मैगी प्वाइंट एक ऐसी जगह है जहां बहुत से लोग मोमोज, चाउमीन, थुप्पा और सूप खाने आते हैं। मैगी प्वाइंट के संचालन के लिए गौरव ने अपनी 11 लाख पैकेज वाली जॉब तक छोड़ दी गौरव तिवारी  ने अपने पिता के व्यवसाय को एक नए स्तर पर ले गए हैं।

उत्तराखंड के इस युवा ने अपने पिता के मैगी प्वाइंट को किया पूरे अल्मोड़ा में फेमस , छोड़ दी थी 11 लाख का पैकेज नौकरी भी

 

गौरव ने होटल मैनेजमेंट का कोर्स पूरा किया है और पिछले 10 सालों से उन्होंने मुंबई में एक बार्ज पर शेफ के रूप में काम किया है। उन्हें 11 लाख का सालाना पैकेज मिला था, लेकिन पैर में दिक्कत की वजह से वह हाल ही में अल्मोड़ा लौट आए। और पिता का काम में हॉट्ज बटाने लगे।

उत्तराखंड के इस युवा ने अपने पिता के मैगी प्वाइंट को किया पूरे अल्मोड़ा में फेमस , छोड़ दी थी 11 लाख का पैकेज नौकरी भी

गौरव अपने पिता की  फास्ट फूड की दुकान पर खाना बनाने में उसकी मदद करते हैं। यह दुकान बहुत लोकप्रिय है और यहाँ पर लोगों  की भीड़  मोमोज, थुप्पा और सूप सहित विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ को खाने के लिए पहुंचते हैं ।

उत्तराखंड के इस युवा ने अपने पिता के मैगी प्वाइंट को किया पूरे अल्मोड़ा में फेमस , छोड़ दी थी 11 लाख का पैकेज नौकरी भी

शाम के समय यहां लोगों की खूब भीड़ दिखाई देती है। गौरव ने दिखा दिया है कि अगर आप ठान लें तो कम संसाधन होने पर भी आप सफलता हासिल कर सकते हैं। वह अन्य युवाओं को अपने नेतृत्व का अनुसरण करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

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