प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव के बारे में सभी को पता है। जब कभी भी वे देवभूमि के दौरे पर आते हैं तो राज्य को कोई न कोई बड़ी सौगात जरूर देते हैं। पिछले दिनों हुई उनकी केदारनाथ बद्रीनाथ यात्रा में इसी प्रकार का समन्वय देखे को मिला ।
इस यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड को 3400 करोड़ रुपये के कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट की सौगात दी। जिसमे हेमकुंड रोपवे परियोजना मुख्य रूप से शामिल है। यह रोपवे परियोजना देश की सबसे बड़ी परियोजनाओं में शामिल है।
करीब 12.4 किलोमीटर लंबा बनेगा रोपवे मार्ग
आपको बता दें इस रोपवे सेवा के जरिए गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ा जाएगा। यह रोपवे मार्ग करीब 12.4 किलोमीटर लंबा होगा। हेमकुंड साहिब से गोविंदघाट के लिए बनने वाले रोपवे पर 850 करोड़ रुपये की लागत आएगी। एनएचएआई की एजेंसी नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड ने रोपवे की डीपीआर तैयार की है।
यह रोपवे न सिर्फ हेमकुंड साहिब को बल्कि घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है। बीते दिनों दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे निर्माण की अनुमति मिली है, जबकि गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक बनने वाले रोपवे के लिए एनवायरमेंट क्लियरेंस की आवश्यकता नहीं है।
हालांकि राज्य वन विभाग से इसकी अनुमति लेनी होगी। इसके बाद ही लगभग 12 किलोमीटर के इस रोपवे का निर्माण शुरू हो सकेगा। रोपवे बनने के बाद प्रदेश में पर्यटन को मजबूत आधार मिलेगा। इससे सफर सुविधाजनक होगा। यह यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट तक सीमित कर देगा।
अन्य रोपवे पर भी शुरू होगा काम
पहाड़ की दुश्वारियों के बीच रोमांचक सफर को आसान बनाकर पर्यटन को बढ़ावा देने में रोपवे अहम किरदार अदा करेंगे। सुरकंडा देवी रोपवे का निर्माण होने के साथ ही मई से उसका संचालन शुरू किया जा चुका है। गौरीकुंड-केदारनाथ, गोविंदघाट हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू हो चुका है।
इसके अलावा सरकार ने पर्वतमाला परियोजना के तहत हाल ही में सड़क परिवहन नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को 35 नए रोपवे का प्रस्ताव दिया है। मंजूरी मिलते ही इन परियोजनाओं पर भी काम शुरू कर दिया जाएगा।
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