उत्तराखंड में हरिद्धार की गलियों में भीख मांग रहा बच्चा निकला करोड़पति , कोरोना काल में हो गया था anaath

उत्तराखंड में हरिद्धार की गलियों में भीख मांग रहा बच्चा निकला करोड़पति , कोरोना काल में हो गया था अनाथ

कहते हैं भगवान् जब देता है छप्पर फाड़ के देता हैं । ऐसा कुछ हुआ हरिद्वार के एक मासूम के साथ जो अक्सर हरिद्वार की गलियों में घूम घूम कर भीख मांगता था . हम बात कर रहे हैं हरिद्वार के नन्हें शाहजेब की .
कोरोना से शाहजेब की मां के मरने के बाद दस साल के बच्चे को दो दिन के खाने के लिए हाथ फैलाना पड़ा। लेकिन फिर अचानक से ही शाहजेब को विरासत में बहुत सारा धन प्राप्त हुआ।

चूंकि उनके दादाजी ने मरने से पहले वसीयत बनाई थी, जिसमे  उन्होंने शाहजेब के नाम पर अपनी संपत्ति का आधा हिस्सा लिए छोड़ दिया था । जिसके बाद रातों रात शाहजेब की किस्मत बदल गयी । वसीयत लिखे जाने के बाद से परिजन उसकी तलाश कर रहे थे।

शाहजेब

गांव के ही एक युवक मोबिन ने शाहजेब को हरिद्वार कलियर की गलियों में देखा था। उसने परिजनों को बताया तो वे बच्चे को अपने साथ घर ले गए। बच्चे के पास पुश्तैनी घर और गांव में पांच एकड़ जमीन है। शाहजेब के  दादाजी ने अपनी वसीयत में लिखा था कि अगर उनका पोता कभी वापस आए तो संपत्ति का आधा हिस्सा उन्हें सौंप दिया जाए।
उत्तराखंड:करोड़पति निकला सड़कों पर भीख मांगकर गुजारा कर रहा 10 साल का बच्चा, ऐसे खुला राज - Uttarakhand Roorkee News: 10 Year Old Beggar Child Found Crorepati Interesting Story ...
पति की मौत के बाद से वह ससुराल वालों से नाराज थी और अपने छह साल के बेटे को साथ ले गई। शाजेब की माँ इमराना ने 2019 में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के पंडोली गांव में अपना घर छोड़ दिया और अपने घर वालों  के साथ  गांव में रहने लगीं।
Saharanpur News Boy Who Begged At Dargah Turned Out To Be A Millionaire ANN | Saharanpur News: भीख मांग रहे बच्चे की खुल गई किस्मत, घर पहुंचते ही बन गया करोड़पति
इमराना शाहजेब के साथ कलियर चली गईं। कोरोना काल में उनकी तबीयत बिगड़ी और इसके बाद शाहजेब लावारिस हो गए। शाहजेब के बेघर होने के बाद से वह कलियर में सड़कों पर रह रहा था । वह एक चाय की दुकान पर काम करता था  और उसे भीख मांगकर जीवन यापन करना पड़ता था ।
सड़कों पर भीख मांगता बचपन - BBC News हिंदी
 कलियर में एक यात्रा पर किसी ने उन्हें देखा और उनका नाम और पता पूछा। जब इमराना के घरवालों को पता चला तो वे शाहजेब को अपने साथ घर ले गए। उसके सबसे छोटे दादा शाहआलम का परिवार फिर उसके बाद उसे सहारनपुर ले गया ।
1
शाहजेब के परिजनों ने सोशल मीडिया और वाट्सएप ग्रुप पर खोज करने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी। सूचना मिलने पर दूर के रिश्तेदार मोबिन कलियार खोज करने पहुंचे थे।
आखिर कौन है शाहजेब:भीख मांग करता था गुजारा, अब बन गया करोड़पति, डॉक्टर बनने का है सपना - Saharanpur: Who Is Shahzeb, Used To Live By Begging And Now Wants To Become
बाजार में घूमते वक्त उसकी नजर शाहजेब पर पड़ी तो उसने वायरल फोटो से उसके चेहरे का मिलान किया। पूछने पर शाहजेब ने अपना और मां के नाम के साथ गांव का नाम सही बताया तो मोबिन ने उसके परिजनों को सूचित किया।
​शाहजेब का बंद पड़ा घर

शाहजेब के दादा शाह आलम ने कहा कि वह उसे परिवार और बच्चों के साथ माहौल में रहना सिखाएंगे। फिलहाल वह उनके साथ रहकर ऐसा करने की कोशिश कर रहा है।

आखिर कौन है शाहजेब:भीख मांग करता था गुजारा, अब बन गया करोड़पति, डॉक्टर बनने का है सपना - Saharanpur: Who Is Shahzeb, Used To Live By Begging And Now Wants To Become

शाहजेब के दादा शाह आलम का कहना है कि वह अभी भी ऐसे दौर में हैं जहां ठीक प्रकार  सोच पा रहे हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि चीजें जल्द ही बेहतर होंगी. कुछ समय बाद वह फिर से स्कूल जा सकेगा।

Similar Posts