प्रदेश की बेटियां आज की दुनिया में वाकई अच्छा कर रही हैं। वे अपनी प्रतिभा और क्षमताओं के आधार पर महान चीजें हासिल करने में सक्षम हैं। प्रदेश की इन प्रतिभावान बेटियों ने कई बार अपने प्रदेश के लिए कमाल किया है।
आज हम आपको एक ऐसी बेटी से मिलवाने जा रहे हैं, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता है। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के चमोली के मारोदा गांव की मानसी नेगी की .
मानसी को उत्तराखंड की उड़न परिके नाम से भी जाना जाता है . मानसी ने ने इस साल तमिलनाडु में 82वीं ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक मीट में 20 किलोमीटर रेस वॉक में गोल्ड मेडल जीता।
इस हुनरमंद बेटी ने खुद को मजबूत बनाने के लिए खेतों में दौड़ लगा कड़ी मेहनत की। उसने हमें दिखाया कि इतिहास हमेशा ऐसे ही नहीं बनता उसके लिए असफलताओं को पीछे छोड़ कर लगन और मेहनत से डटे रहना पड़ता है ।
उत्तराखंड में अब तक एथलेटिक्स में कोई ख़ास प्रतिभा सामने आयी थी। लेकिन अब, राज्य नई पीढ़ी में मानसी नेगी की तरह ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो अपने बढ़िया प्रदर्शन से देश में राज्य का नाम बढ़ा रहे है ।
मानसी ने अब तक कई प्रतियोगिताओं में मैडल जीते हैं जिनमे 2021 में, राष्ट्रीय खेलों में रजत पदक विश्वविद्यालय स्तर की प्रतियोगिताओं में रजत पदक और खेलो इंडिया में, स्वर्ण पदक शामिल है ।
नवंबर 2022 में मानसी ने राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद अब एक बार फिर उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर एक और स्वर्ण पदक जीता है ।
मानसी नेगी की प्रतिभा को उनके कोच अनूप बिष्ट अच्छी तरह जानते हैं। कभी खेतों में दौड़ने की प्रैक्टिस करने वाली मानसी की प्रतिभा किसी से छिपी नहीं थी. वो उत्तराखंड के लिए आगे आने वाले समय और भी बढ़िया प्रदर्शन कर सकती हैं । मानसी को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह दादी में द्वारा भी सम्मानित किया जा चूका है ।
मानसी नेगी को देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में एथलेटिक्स कोच और सहायक खेल अधिकारी अनूप बिष्ट द्वारा प्रशिक्षित दिया जा रहा है। मूल रूप से चमोली के दशोली विकासखंड के मजोठी गांव की रहने वाली मानसी का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है.
मानसी उत्साही खिलाडी है जो सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। उनका मानना है कि कड़ी मेहनत से सफलता मिलती है और कोई भी अपने सपनों को हासिल कर सकता है अगर वह प्रयास करने को तैयार है।
मानसी की इस सफलता से पूरे प्रदेश को उन पर गर्व है। वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए अपनी मां और अपने कोच अनूप बिष्ट को श्रेय देती हैं।