उत्तराखंड में नैनीताल पर्यटन का एक प्रमुख स्थान है । ये अपनी अपनी खूबसूरती के पूरे देश में प्रसिद्ध है । नैनीताल यात्रा के दौरान आपको यहां पर ठहरने के लिए अलग अलग प्रकार के होटल्स, कॉटेज और होमस्टे रोकने के लिए मिल जाता हैं।
पर अब नैनीताल पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन स्थलों में मिट्टी के घर और कॉटेज भी बनने जा रहे हैं। ये मिट्टी के घर और कॉटेज जो आकर्षण का केंद्र तो होंगे ही साथ साथ ये पर्यावरण की दृष्टि से भी अनुकूल होंगे ।
गीली मिट्टी संस्था बनाएगी ये घर
नैनीताल में मिट्टी के घरों के निर्माण करने की पहल के नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने की है। प्रशासन की इस योजना को पूरा करने के लिए गीली मिट्टी संस्था की मदद लेगा।
गीली मिट्टी संस्था की संस्थापक शगुन सिंह के अनुसार की बनाये जाने वाले मिट्टी के घरों को एक अलग आर्किटेक्चर के साथ तैयार किया जाता है जिसकी वजह से इसमें गर्मी, बारिश और बर्फ का कोई भी असर नहीं होता।
आपको बता दे एक घर को बनाने में करीब ₹5 लाख तक का खर्चा आ जाता है। यह एक प्रकार का घर है जो पूरी तरह से प्राकृतिक संसाधनों से बना है और पर्यावरण के अनुकूल भी है।
पर्यावरण के अनुकूल
मिट्टी के घरों के निर्माण के पहले चरण में 5 गावों में काम शुरू हुआ है । बाद में इनकी संख्या बढ़ाई जायगी । मिट्टी के यह घर प्राकृतिक संसाधनों की सहायता से बनाए जाते हैं। जिससे ये पर्यावरण के अनुकूल अथवा इको फ्रेंडली भी होते है। ये घर गर्मी के दौरान मकान ठंडे रहते हैं और सर्दी में गर्म रहते है

नैनीताल में जिला प्रशासन गीली मिट्टी संस्था की मदद से मुक्तेश्वर, पंगोट, रामगढ़ व अन्य पर्वतीय स्थलों पर मिट्टी के घर बनाने जा रहा है।
गीली मिट्टी फार्म की शगुन सिंह का कहना है कि विशेष आर्किटेक्ट मिट्टी के घरों को डिजाइन करते हैं ताकि वे बारिश, गर्मी और बर्फ की मौसम की स्थिति का सामना कर सकें।
यह भी पढ़ें : UP से नैनीताल में बसने आये दम्पति ने कर दिया ये कारनामा , प्लास्टिक की बोतलों से बना डाला अपना आशियाना
टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
नैनीताल के जिलाधिकारी धीरज सिंह ने बताया कि टूरिज्म को बढ़ावा देने की दृष्टि से यह कदम उठाया गया है। मिट्टी के घरों का ये प्रोजेक्ट पर्यटकों को आकर्षित करेगा ।
जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट से ग्रामीणों में रोजगार का जरिया मिलेगा और पलायन में भी कमी आएगी । डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि मड बेस्ड इन स्ट्रक्चर्स को और बढ़ावा देने के लिए ग्रामीणों को जैविक खेती हॉर्टिकल्चर और फ्लोरीकल्चर के साथ जोड़ा जा सकेगा ।
नैनीताल जिला प्रशासन मड हाउस प्रोजेक्ट की मदद से जिले के रामगढ़, मुक्तेश्वर और अन्य पहाड़ी इलाकों में मकान बनाने का काम कर रहा है. इन घरों को सामुदायिक पर्यटन के रूप में बनाया जाएगा और इससे गांवों में अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी और पलायन रुकेगा।
यदि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी हो तो इसे , अपने मित्रों के साथ जरूर शेयर करें ।