ऋषिकेश से नीलकंठ मंदिर के लिए बनेगा रोपवे, इन चार जगहों पर बनेगा स्टेशन

उत्तराखंड के नील पर्वत पर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर हिन्दुओं के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है, नीलकंठ महादेव मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जब समुद्र मंथन के दौरान समुद्र में से विष निकला तो भगवान शिव ने इस विष को ग्रहण किया था।

विष ग्रहण के बाद भगवान शिव बेहद परेशान हो गए थे और स्वयं को शांत करने के लिए महादेव नील पर्वत आए थे, यहीं पर भगवान शिव ने उस दौरान समय बिताया था।

ऋषिकेश से लगभग 1 घंटे की पहाड़ की चढ़ाई चढ़कर शिवभक्त इस मंदिर तक पहुंचते हैं, इस मंदिर में भारत ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी भारी संख्या में दर्शन के लिए पहुंचते है और खासतौर से सावन के महीने में कांवड़िए लाखों की तादाद में रोजाना यहां पहुंचते हैं।

Neelkanth Mahadev Temple Rishikesh | Mythology, Architecture, Timings

रोपवे प्रोजेक्ट को हरी झंडी

इसी बीच उत्तराखंड की धामी सरकार कैबिनेट ने ऋषिकेश से नीलकंठ मंदिर रोपवे प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है, सरकार के इस फैसले से शिवभक्तों को बड़ी सहूलियत मिलने वाली है। रोपवे प्रोजेक्ट के बनने से श्रद्धालुओं को आसानी से महादेव के दर्शन हो पाएंगे।

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इन जगहों पर बनेगा स्टेशन

बताते चले कि ऋषिकेश से नीलकंठ मंदिर रोपवे प्रोजेक्ट में चार स्टेशन बनाए जाएंगे। पहला स्टेशन ऋषिकेश आईएसबीटी, दूसरा त्रिवेणी और तीसरा स्टेशन नीलकंठ की पहाड़ी पर स्थित पार्वती माता मंदिर होगा। चौथा स्टेशन नीलकंठ मंदिर के पास होगा।

नीलकंठ धाम में बनने जा रहे रोपवे की दूरी लगभग 36 किलोमीटर की होगी, जबकि रोपवे से उतरने के बाद भी भक्तों को कुछ दूरी तक पैदल सफर करना पड़ेगा। रोपवे के जरिए ऋषिकेश से नीलकंठ मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को मात्र 20 से 22 मिनट का समय लगेगा।

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