ये कहबर पद कर आपकी आँखे भी नाम हो जायगी . एक पिता ने देश के अपनी शहादत दे दी तो बेटा भी पिता इ दिखाए रास्ते पर चल कर होगया सेना में शामिल । जी हाँ ये किसी फिल्म की कहानी नहीं है बल्कि एक सच्ची आखों देखी बात है । देवभूमि ने इस लाल ने अपने शहीद पिता का सपना और मां के ख्वाब दोनों ही सच कर दिए हैं .
हम बात कर रहे हैं पिथौरागढ़ के चंचल सिंह की जिहोने हाल ही देहरादून की इंडियन मिलिट्री अकादमी में आयोजित हुई पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया सेना में अफसर के पद शामिल हुए . चंचल सिंह ने जब अपने पिता का सपना पूरा किया तो वहां मौजूद लोगों का दिल भर आया ।
22 साल पहले शहीद हुए थे पिता
आपको बता दें पिथौरागढ़ के चंचल सिंह 22 साल पहले सरहद पर देश के लिए शहीद हरिश्चंद्र के बेटे हैं . उन्होंने देश के दुश्मनो से लड़ते हुए अपनी जान की परवाह नहीं की . और ठीक 22 साल बाद उनके बेटा चंचल सिंह भी सेना में अफसर बन गए हैं। चंचल सिंह की सेना में अफसर बनाने की राह आसान नहीं थी ।
उन्होंने पिता की कमी को तो अपनी हिम्मत बनाया और बचपन में सेना में जाने का मन बना लिया और 22 साल बाद उन्हें ये गौरव प्राप्त हुआ । वे देहरादून की इंडियन मिलिट्री अकादमी से ट्रेनिंग ली । और यहाँ आयोजित पासिंग परेड में हिस्सा लेकर सेना में अफसर के रूप में शामिल हुए ।
5 वर्ष में ही छूटा पिता साथ
प्राप्त जानकारी के अनुसार चंचल के पिता हरिश्चंद्र सिंह वर्ष 2000 में सेना के ऑपरेशन रक्षक के तहत जम्मू कश्मीर में पोस्टेड थे वही पर दुश्मनो के हमले में वे शहीद हो गए। उस समय चंचल केवल 5 वर्ष के थे . पिता के जाने से से पूरा परिवार टूट गया और विखर गया । फिर चंचल की माँ को हिम्मत से संभाला ने।
उन्होंने अपने बेटे चंचल को बचपन से ही उनके पिता के बहादुरी के किस्से सुनाये जिससे चंचल ने भी सेना में जाने की ठान ली और कड़ी म्हणत से अपने इस सपने को सच किया . उनकी पासिंग आउट परेड के ऐतिहासिक क्षण मां उनके भाई समेत पूरा परिवार की आँखे भर आयी और उनके मन गर्व और बेटे की सफलता की ख़ुशी से झूम उठे ।