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पिथौरागढ़ के जोशी बंधुओं ने उच्च शिक्षा के बाद भी ने नौकरी की जगह चुना स्वरोजगार, विदेशों से आती है डिमांड

जहां उत्तराखंड में बेरोजगारी के कारण कई युवाओं ने रोजगार की तलाश में शहरों की ओर रुख किया। वही उत्तराखंड के कई युवा ऐसे भी हैं जो धीरे-धीरे स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

स्वरोजगार की राह को अपनाकर यहां के युवा प्राकृतिक संसाधनों से न केवल सेहतमंद उत्पाद तैयार कर हैं बल्कि रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा दे रहे हैं।

नौकरी का मोह छोड़ 3 भाइयों ने शुरू किया चाय का कारोबार, देश ही नहीं विदेशों में बढ़ी मांग - 3 brothers started tea business demand increased not only in country but

ऐसे ही युवाओ से हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्होंने स्वरोजगार को बढ़ावा दिया है। जी हां …हम बात कर रहे हैं राज्य के पिथौरागढ़ जिले के तीन भाइयों की। जिन्होंने चाय का कारोबार शुरू किया है । जिनकी चाय की डिमांड देश ही नहीं बल्कि विदेशो में भी हो रही है।

Devesh Joshi - Fresher - Fresher | LinkedIn

पहाड़ में शुरू किया चाय का स्वरोजगार

प्राप्त जानकारी के अनुसार  कि पिथौरागढ़ के रहने वाले सुमित,अमित और देवेश जोशी तीनों सगे भाई हैं। बता दे कि तीनों भाईयों ने एमटेक, बीबीए और इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की है।

देश-विदेश में छाई जोशी बंधुओं की चाय: हर तरफ 'मिस्टर हब्ज' की चर्चा, रोचक  है इन तीन भाइयों की कामयाबी की कहानी - Pithoragarh Three Brothers Started  Tea Business Became ...

बताते चलें कि प्रोफेशनल एजुकेशन लेने के पश्चात इन तीनों भाइयों ने नौकरी की राह अपनाने के बजाय अपना काम शुरू करने का निर्णय लिया। इन तीनों भाइयों ने पिथौरागढ़ में ही हर्बल चाय का कारोबार शुरू किया ।

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सुमित जोशी बायोटेक्नोलॉजी से एमटेक कर चुके हैं। इसलिए हर्बल की उन्हें अच्छी तरह से जानकारी है।

पहाड़ी उत्पादों से बनाते हैं हर्बल चाय

मिस्टर हब्ज के नाम से इन तीनों भाईयों की चाय की डिमांड देश के साथ विदेश में भी हो रही है।तीनो भाईयों ने मिलकर पहाड़ी उत्पादों से 7 प्रकार की ग्रीन टी तथा 3 प्रकार की कैमोमाइल टी एंव मसाला टी तैयार की है। वही मिस्टर हब्ज चाय बनाने के लिए पूरी तरह के पहाड़ के हर्बल का यूज किया जा रहा हैं।

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शंखपुष्पी, हल्दी, त्रिफला, ब्लूबेरी, स्टार ऐनीज, , जिमनेमा, तुलसी और सिल्वेस्टर जैसे स्थानीय उत्पादों से चाय तैयार की जा रही है। यह चाय पूरी तरह से प्राकृतिक होने के कारण कई बीमारियों के लिए रामबाण इलाज है।

 

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