
छाया ऐपण कला का जादू
इस वर्ष देवभूमि की झांकी में राम नगर कार्बेट नेशनल पार्क में रहने वाले करते हुए बारहसिंघा, घुरल, हिरन के अतिरिक्त अल्मोड़ा का जागेश्वर मंदिर समूह का नज़ारा देखने को मिला ।
इस झांकी में इस बार ऐपण गर्ल के नाम से मशहूर रामनगर निवासी मीनाक्षी खाती जाकी में दिखये गए मंदिर के किनारों को ऐपण की बेलों से सजाया गया था।
दिखा वसंत पंचमी का संगम
इस गणतंत्र दिवस के दिन ही वसंत पंचमी का संगम भी देखने को मिला । देवी सरस्वती की उपासना के लिए खासकर एक तरानुमा बनाया गया । इसमें पांच कोण बनते है। इसे पंचशिखा, पंचानन, स्वस्तिक भी कहा जाता है। इस आकृति को सृष्टि की रचना का सूचक भी माना जाता है। ये पंचकोण संसार के पंचतत्वों-पृथ्वी, जल, वायु, आकाश और अग्नि के संकेतक भी है।
झांकी को सजाने वाली वसोधारा ऐपण का प्रयोग घरों में पूजा की जगहों पर किया जाता है। साथ ही घर के अंदर प्रवेश करने वाली देहली पर यह आदर सत्कार और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।
वसोधारा ऐपण में गेरू से विषम संख्याओं में लाइन का निर्माण किया जाता है। कई जगह पे ये धौड़ या धौड़े के नाम से भी जाता है। जिसके चित्रण के बिना कोई भी ऐपण अधूरा माना जाता है।
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