रुद्रप्रयाग में रिंगाल से हो रहा है कमाल , जानिए कैसे पर्यावरण के साथ बन रहा है इंसानों का भी सच्चा साथी
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रुद्रप्रयाग में रिंगाल से हो रहा है कमाल , जानिए कैसे पर्यावरण बचाने के साथ बना इंसानों का भी सच्चा साथी

रुद्रप्रयाग के लोगों ने रिंगाल के रूप में अपना एक साथी ढूंढ लिया  है । आपको बता दें रुद्रप्रयाग के पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली के द्वारा उगाय गए मिश्रित वन यहाँ के  स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के क्षेत्र में मिसाल कायम कर रहा है. जिसमे  रिंगाल की झाड़ियां उगाई गयी हैं  , जो रुद्रप्रयाग के रानीगढ़ क्षेत्र के हस्तशिल्पियों के लिए स्वरोजगार का साधन बन रही है। 
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रिंगाल केवल स्व रोजगार में सहायता नहीं कर रहा बल्कि इस पेड़ के  जंगल में आग लगने की कोई आशंका नहीं रहती है. जिससे ये यहाँ के पर्यावरण जीवन के लिए भी काफी उपयोगी सिद्ध हुआ है। रिंगाल उत्तराखंड के जंगलों में पाया जाने वाला वृक्ष है, जो की  बांस की प्रजाति का होता है.  यह लम्बाई में थोड़ा काम होता है इसलिए  बौना बांस भी कहा जाता है.
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जंगलों को आग से बचाएगी रिंगाल

रुद्रप्रयाग जिले के विभिन्न इलाकों में आग के कारण जंगल राख हो रहे हैं, वहीं जगत सिंह का मिश्रित वन आग की लपटों से कोसों दूर है. इस जंगल में कभी भी आग नहीं लगती है, जिससे ये पयावरण में काफी मदगार साबित होता है।

The story of National Bamboo Mission

 

जगत सिंह जी ने अपनी मेहनत की बदौलत एक हरा भरा जंगल तैयार किया है, जो अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक है. इस जंगल को देखने में विदेशों से भी पर्यटक आते हैं और यहांकी की तारीफ किये बिना रह नहीं पाते.

रिंगाल मैन राजेंद्र बडवाल - Channel Mountain

अब जगत सिंह जी जंगली की मेहनत से लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही उनकी आजीविका भी सुदृढ़ हो रही है. और लोग पलायन छोड़ कर अपनी ही गाँव कसबे में रिंगाल की मदद से अपना काम शुरू कर रहे हैं ।

The last ringal weaver of Jaitiरुद्रप्रयाग में उगने वाला रिंगाल कई स्थानीय परिवारों को रोजगार भी दे रहा है. मिश्रित वन  में रिंगाल की तीन सौ से ज्यादा झाड़ियां हैं, जिनका एक चरणबद्ध तरीके से डेढ़ से दो वर्ष में कटान हो रहा है. और इस साल लगभग 8 क्विंटल रिगाल निकला गया है।

रिंगाल से बढ़ी रोजगार की संभावना

रिंगाल के पेड़ से प्राप्त लकड़ी से  टोकरी, डाली, छापड़ी, सूप, हथकंडी, अनाज रखने के लिए कंटेनर्स (कुन्ना), कंडी, पैनदान, फूलदान, टी-ट्रे, कूड़ादान, मैट सहित कई उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं. पर्यावरणविद, विशेषज्ञ जगत सिंह जंगली के अनुसार पहाड़ी क्षेत्रों में रिंगाल के जरिये रोजगार की काफी संभावनाएं मौजूद हैं.

रिंगाल उत्तराखण्ड की बहुउपयोगी वनस्पति Kafal Tree Ringal Multifunctional plant of Uttarakhand

यहां के युवाओं को रिंगाल को अपना रोजगार का अच्छा साधन बनसकता है। उनके अनुसार मिश्रित वन में रिंगाल की तीन सौ से अधिक झाड़ियां हैं, जो प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण के साथ ही स्थानीय हस्तशिल्पियों के रोजगार का जरिया भी बन रही हैं.

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यहाँ के निवासीयों के लिए  जीवन की  इससे बड़ी उपलब्धि और क्या हो सकती है कि जो जंगल उन्होंने बसाया था, वही  आज उनकी जीविका का साधन बन रहा है और  हर तरफ से क्षेत्र के लोगों के काम आ रहा है.

 

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