इन दो युवाओं ने की ऋषभ को गाडी से नकलने में की थी मदद, काफी तलाश के बाद पंत ने ढूंढ निकलवाया दोनों को
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इन दो युवाओं ने की ऋषभ को गाडी से नकलने में की थी मदद, काफी तलाश के बाद पंत ने ढूंढ निकलवाया दोनों को

कहते हैं समय पड़ने पर हर इसी की मदद करनी चाहिए कहे वो कोई भी , इसका फल आपको कही न कही जोर मिलता है . ऐसा ही कुछ हुआ यूपी के मुजफ्फरनगर के  रहने वाले रजत और निशु के साथ . टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर ऋषभ पंत के कार एक्सीडेंट के बाद उनकी सबसे पहले मदद को आने वाले दो लड़कों  रजत और निशु को आखिरकार दंड लिया गया है।

इन दोनों ने ही सबसे पहले ऋषभ को गाडी निकला था . ऋषभ पंत ने अस्पताल  में मुलाकात की और उनकी मदद के लिए उन्हे धन्यवाद दिया है।  ऋषभ पंत और इन दोनों  से मुलाकात की तस्वीरें सामने आईं हैं।

शीशा तोड़कर निकला था बाहर

आपको बता दें  जब ऋषभ पंत दुर्घटना का शिकार हुए तो वही पर यूपी के मुजफ्फरनगर के बुच्चा बस्ती के रहने वाले रजत और निशु उनके पास सबसे पहले पहुंचे और उन्हे मदद देकर डिवाइडर तक पहुंचाया। साथ ही दोनों ने सबसे पहले ऋषभ पंत से उनकी मां का फोन नंबर भी मांगा था। और उनकी माँ को फोन लगाने की कोशिश की।

इन दो युवाओं ने की ऋषभ को गाडी से नकलने में की थी मदद, काफी तलाश के बाद पंत ने ढूंढ निकलवाया दोनों को

इन दोनों युवकों के ठीक बाद वहां पर  रोडवेज के बस चालक और परिचालक मौके पर पहुंचे। हादसे के बाद से अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट होने के बाद से ही ऋषभ पंत इन दोनों युवकों से मुलाकात की इच्छा जाहिर कर रहे थे। वो अपने करीबियों से इन दोनों युवकों को तलाश करने के लिए कह रहे थे।

पारिवारिक मित्र ने दोनों को  ढूंढ निकला

प्राप्त जानकारी के अनुसार खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार से भी ऋषभ ने अपनी इच्छा जताई। उमेश कुमार ने आखिरकार मुजफ्फरनगर के इन दोनों युवकों को तलाश लिया और उनकी ऋषभ पंत से मुलाकात कराई। उमेश कुमार द्वारा अपनी सोशल मीडियो पोस्ट में इस बात की जानकारी देते हुए तस्वीर भी शेयर  की है।

इन दो युवाओं ने की ऋषभ को गाडी से नकलने में की थी मदद, काफी तलाश के बाद पंत ने ढूंढ निकलवाया दोनों को
इन दो युवाओं ने की ऋषभ को गाडी से नकलने में की थी मदद, काफी तलाश के बाद पंत ने ढूंढ निकलवाया दोनों को

बीते सोमवार को रजत और नीशू ने भी आकर मैक्स अस्पताल में ऋषभ पंत से मुलाकात की। और उनके सेहत की जानकारी ली . अस्पताल में  ऋषभ के परिजन भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि किस प्रकार वो लोग ऋषभ घायल अवस्था में गाड़ी से बाहर आए। फिर  बाद में कैसे दोनों ने उनकी सहायता की। दोनों उस समय नहीं जानते थे वे किसकी मदद कर रहें हैं। उन्होंने  मानवता के नाते मदद का हाथ बढ़ाया।

 

 

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