उत्तराखंड के युवाओं में मेहनत करने का ज़ज़्बा कूट कूट कर भरा है । कहते है सफलता और कामयाबी उम्र की मोहताज नहीं होती है । इस बात को उत्तराखंड की एक 12 वीं छात्रा ने सच करके दिखाया है। इस छात्रा ने छोटी सी उम्र में वो मुकाम हासिल किया जो बड़े बड़े नहीं कर पाते हैं ।
हम बात कर रहे हैं देहरादून की प्रिंसी वर्मा की अपनी मेहनत के दम पर न केवल खुद केलिए बल्कि अन्य कई लोगों के लिए रोजगार के रास्ते खोले हैं । प्रिन्सी ने स्वरोजगार को अपनाकर घर पर ही सेनेटरी नैपकिन बनाने की यूनिट शुरु की है ।
खुद शुरू किया सेनेटरी नैपकिन का प्लांट
आपको बता दें प्रिंसी वर्मा देहरादून के विकासनगर क्षेत्र के सेलाकुई के चोई बस्ती निवासी हैं । प्रिंसी ने बताया कि अपना खुद का ये काम करने की राह उनके लिए बहुत मुश्किल रही । शुरुआत में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा ।
स्वरोजगार को शुरू करने के लिए लोन के लिए अप्लाई किया पहली बार में उनका लोन पास नहीं हो सका लेकिन प्रिंसी ने हिम्मत न हारते हुए दोबारा से लोन के लिए अप्लाई किया तथा दूसरी बार में उनका लोन पास हो गया जिसके बाद प्रिंसी ने घर पर ही सेनेटरी नैपकिन बनाने का कार्य शुरू किया।

हरबर्टपुर के राजकीय इंटर कॉलेज में कक्षा 12 की छात्रा प्रिंसी वर्मा आम लड़कियों की तरह सेलाकुई स्थित प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र पर ब्यूटीशियन का कोर्स करने के लिए गई थी।
खाली समय में वह उद्यमिता विकास कार्यक्रम की कक्षा में बैठकर स्वरोजगार के बारे में बताई जाने वाली बातों को ध्यान से सुनती रहती थी। यहीं से उसके मन में अपना कारोबार शुरू करने की इच्छा जागी।
अन्य युवाओं के लिए भी बनी प्रेरणास्रोत
आपको बता दें कि देहरादून की प्रिंसी ने सैनिटरी नैपकिन बनाकर खुद ही इसकी मार्केटिंग भी शुरू की है । जिससे उन्हें अपने सेनेटरी पैड मार्किट में बेचने के लिए लाभ मिला । प्रिंसी अपने इस सेनेटरी पैड के इस रोजगार को बड़ा ब्रांड बनाना चाहती हैं।
प्रिंसी वर्मा ने इतनी कम उम्र में स्वरोजगार की राह को अपनाकर अन्य लोगों को भी प्रेरित किया है।
उनके साथ इस स्वरोजगार को कई लोगों ने अपनाया जिससे अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। नैपकिन बनाने, पैकिंग व मार्केटिंग में 11 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा रही है।