अस्तित्व के खतरे में हैं उत्तराखंड का ये पौराणिक शहर , भूधंसाव के साये में जी रहे रहे लोग
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अस्तित्व के खतरे में हैं उत्तराखंड का ये पौराणिक शहर , भूधंसाव के साये में जी रहे रहे लोग

उत्तराखंड में कई ऐसे कई पौराणिक शहर है जिनकी मान्यता काफी प्राचीन है . इन्ही में से एक है जोशीमठ शहर। लेकिन इस समय यह शहर भूधंसाव एक गंभीर समस्या से लड़ रहा है। पिछले साल 2021 में यहां गांधीनगर में एकाएक मकानों में दरारें आनी शुरू हो गयी थे , जो अब धीरे धीरे बढ़ती जा रही हैं । 

पहले मानसून के मौसम में लैंड स्लाइड की समस्या आम मानी जाती थी परनतु अब धीरे धीरे  भूधंसाव का दायरा बढ़ता चला गया। चमोली जिले का जोशीमठ शहर भूधंसाव के संकट की वजह से दहसत के साये में जी रहा है . राज्य सरकार ने जोशीमठ को बचाने के लिए प्लान बनाया जा रहा  है। 

500 से अधिक घरों में आयी दरारें 

जोशीमठ शहर में भू-धंसाव एक गंभीर समस्या है। साल 2021 में यहां गांधीनगर में एकाएक मकानों में दरारें आनी शुरू हुईं, जो की बढ़ती गईं। मनोहर बाग, टीसीपी बाजार, नृसिंह मंदिर, दौडिल और रविग्राम समेत कई  क्षेत्रों में घरों  में दरारें आ गई हैं। प्रशासन की ओर से यहाँ कराए गए सर्वे में यहां के 559 मकानों, भूखंडों में गहरी, आंशिक दरारें दर्ज की गई हैं।

 

Joshimath Sinking : बहुमंजिला होटल हुआ तिरछा, आई बड़ी दरारें, दहशत में घर  छोड़ रहे लोग - Joshimath Sinking big cracks in skewed Multi storey hotel  people leaving home in panic

ये तस्वीर एक बहुमंजिला होटल की है, जो कि धंसते हुए तिरछा हो गया है। होटल की ये हालत देख यहां आने वाले पर्यटक डरे हुए हैं। थाने के समीप स्थित इस होटल के तिरछा होने की सूचना मिलने पर एसडीएम कुमकुम जोशी व नगर पालिका की टीम भी निरीक्षण के लिए पहुंची।

तपोवन-विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना हो सकती है वजह 

आपको बता दें  प्रशासन द्वारा  भूगर्भीय विभाग द्वारा यहांके इलाके की जांच कराई जा रही है, ताकि खतरे को देखते हुए इसे पर्यटकों के लिए बंद कराया जाए। यहाँ के क्षतिग्रस्त  होटल चार मंजिला है, इस होटल के भीतर भी मोटी दरारे आ गयी है हैं। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति का कहना है कि दरारों की वजह एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना हो  सकती है  है।

NTPC's Tapovan Vishnugad hydropower project damaged in Uttarakhand floods |  Mint

वैज्ञानिकों की टीम भी शहर का सर्वेक्षण कर चुकी है। टीम ने नगर में जल निकासी और सीवरेज की निकासी की सही व्यवस्था न होने को इस भूधंसाव का प्रमुख कारण बताया था। जोशीमठ पर्यटन और धार्मिक नगरी के रूप में मशहूर है। यहां हो रहे भूधंसाव का असर पर्यटन व्यवसाय पर भी पड़ रहा है। डरे हुए लोग अपने घरों को छोड़ रहे हैं। इस पौराणिक शहर को बचाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है।

 

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