Snake Rescue Dehradun Adil
| |

भयंकर साँपों को उत्तराखंड के आदिल करते हैं  वश में , वीडियो देख कर वन विभाग ने दी नौकरी

हममे  से  बहुत से लोग अक्सर सांप को देखकर घबरा जाते हैं । परन्तु आज हम आपको देहरादून के ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे अपने सांप पकड़ने के हुनर की वजह से  वन विभाग में नौकरी मिल गयी है।

जानकारी के अनुसार आदिल कुछ ही मिनटों में ही खतरनाक सांपों को सुरक्षित पकड़ लेते है। और यूट्यूब पर वीडियो देखकर वन विभाग ने उसे काम पर रख लिया.

सांप के रेस्क्यू करने के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल

5वीं कक्षा में पहली बार पकड़ा था सांप 

आदिल ने बताया कि उन्होंने  रेस्क्यू पैनियल सांप ने किया था, उस समय वह 5वीं कक्षा में पढ़ रहे थे । बचपन से ही उन्हें सांपो में बहुत अधिक रूचि रही है ।  उनके अनुसार  इस जोखिम भरे खेल को देखने के लिए वह दूसरे के घर घंटों टीवी देखने जाते थे। उ

This man used to share video on Youtube while catching snakes, now got this big success

जिसके  बाद उन्होंने जानकारी के लिए कई किताबें भी पढ़ीं। आदिल ने बताया कि भारत में सांपों की करीब 300 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से 4 प्रजातियां बेहद खतरनाक हैं

सोशल मीडिया पर पर वायरल हुई वीडियो 

आदिल ने बताया  कि जब उन्होंने सांपो का रेस्क्यू शुरू किया तो लोगों ने उनका साथ दिया। उनके बचाव की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं।

एक सीजन में 1 से 2 हजार तक सांपो को रेस्क्यू

लोग उनका वीडियो बना कर यूट्यूब पर अपलोड कर  दिया करते थे । आदिल कुछ ही मिनटों में खतरनाक सांपों को सुरक्षित पकड़ लेते  है।

Cobra: Snake catcher in Rajasthan dies within minutes after being bitten by a cobra - The Economic Times

आदिल अपने बचाव कार्य की शुरुआत से ही सांपों के साथ एक डायरी रखते आ रहे है। वह हर सीजन में 1-2 हजार सांपों को पकड़ते  है और उनका यह  काम प्रेमनगर से लेकर देहरादून के सहसपुर तक फैला हुआ है। उनके काम के कई वीडियो सोशल मीडिया पर हैं।

वीडियो देख वन विभाग ने दी नौकरी 

यूट्यूब वीडियो के वजह से वन विभाग के अधिकारीयों की नज़र आदिल पर पड़ी और उन्होंने उनसे वनविभाग की तरफ से सांप को रेस्क्यू  करने का ऑफर दिया ।

वीडियो देख वन विभाग ने दी नौकरी 
वीडियो देख वन विभाग ने दी नौकरी

उन्होंने शुरुआत में आदिल को 500 रुपये प्रति रेस्क्यू दिए। लेकिन बाद में उसे ठेके पर नौकरी दे दी गई। जिसके बाद वह झाझरा, टिमली, सहसपुर, विकासनगर, देहरादून जैसे वन क्षेत्र में रेस्क्यू कर हर महीने 7 से 8 हजार रुपये कमा रहे हैं.

Similar Posts