बंगलो की कांडी गांव
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देशसेवा के बाद उत्तराखंड के नई टिहरी के ये प्रधान कर रहे अपने गाँव की सेवा , ऐसे बनाया गाँव वालों को बना दिया करोड़पति

कहते हैं एक सैनिक भले ही सेना से रिटायर हो जाए, लेकिन उनके अंदर की देश सेवा से कभी रिटायर नहीं होता। आज हम आपको उत्तराखंड के बंगलो की कांडी गांव के ऐसे ही एक सैनिक से रूबरू करा रहे हैं  ।

जिन्होंने सेना की सेवा के बाद अपने गाँव वालों के सेवा भी बखूबी की है । देवभूमि  में ऐसे कई पूर्व सैनिक हैं, जिन्होंने रिटायरमेंट के बाद आराम की जिंदगी बिताने के बजाय अपने बंगलो की कांडी गांव-क्षेत्र की खुशहाली को जिंदगी का मकसद बना लिया।

रावल सिंह भाटी (@brawalsingh0) / Twitter

सेवानिवृत्त हवलदार सुंदर सिंह ऐसी शख्सियत हैं। नई टिहरी के बंगलो की कांडी गांव के प्रधान बनकर सुंदर सिंह अपने गांव को समृद्ध बनाने की कवायद में जुटे हैं।  उनके गांव के किसान एक साल में दो करोड़ रुपये की सब्जी और फलों का कारोबार करते हैं। जिससे उनकी आर्थिकी मजबूत हो रही है।

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होती है वैज्ञानिक तरीके से खेती

बंगलो की कांडी जौनपुर ब्लॉक में स्थित छोटा सा गांव है, लेकिन यहां का हर किसान समृद्ध है। गांव में सौ परिवार रहते हैं, कुल आबादी करीब 800 है। साल 2019 से पहले यहां पारंपरिक तरीके से खेती-किसानी होती थी, जिस वजह से किसानों को ज्यादा मुनाफा नहीं हो रहा था।

Are the workers behind your food treated fairly? How one innovative program  is helping improve conditions |

 

फिर इसी साल आईटीबीपी से रिटायर्ड हवलदार सुंदर सिंह गांव के प्रधान बने। सुंदर सिंह ने गांव में वैज्ञानिक तरीके से खेती शुरू की।आज आलम ये है कि बंगलो की कांडी गांव में सभी का मुख्य व्यवसाय खेती है। सिर्फ दस लोग ही ऐसे हैं जो सरकारी नौकरी कर रहे हैं, बाकि लोग खेती-किसानी में रम गए हैं।

अच्छी पैदावार हेतु दिसंबर माह के कृषि एवं बागवानी कार्य - december month  agricultural work and horticultural work of the month of December for good  yield

बंगलो की कांडी गांव के खेतों में कैम्प्टी फॉल के पानी से सिंचाई की जाती है। सौ परिवारों वाले इस गांव में 75 परिवारों के पास अपने मवेशी हैं। कई पॉलीहाउस बने हुए हैं। मत्स्य पालन के लिए भी दो टैंक बने हैं, जबकि दो निर्माणाधीन हैं।

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खेती से बदली  गाँव की सूरत

पूर्व सैनिक सुंदर सिंह ने गांव में रहते हुए कृषि में शानदार प्रयोग किए, और उन्हें देखकर दूसरे परिवारों ने भी ऐसा ही किया। कृषि विभाग ने भी उन्नत बीज उपलब्ध कराए और गांव वाले बेहतर पैदावार हासिल करने लगे।

Climate Change Is Fueling a Farming Boom in Alaska - In These Times

 

प्रधान सुंदर सिंह कहते हैं कि सेवानिवृत्ति के बाद जब मैं बंगलो की कांडी लौटा तो मुझे एहसास हुआ कि मेरे गांव में सबसे कीमती कैम्प्टी फॉल का पानी है। इससे हम बेहतर पैदावार हासिल कर सकते हैं।हमने इस दिशा में काम किया और आज हमारा गांव कृषि उत्पादन में जिले में नंबर वन है।

Farm in the mountains Stock Photo 01 free download

सुंदर सिंह हर साल पांच से छह लाख रुपये के फल और सब्जियां बेचते हैं, जबकि गांव का हर परिवार खेती के जरिए साल में डेढ़ से दो लाख रुपये की आमदनी कर रहा है। मसूरी के होटल-रिजॉर्ट में उनके उत्पादों की अच्छी डिमांड है।

 

 

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