उत्तराखंड का यह शहर कुमाऊं के जादुई राज्य का प्रवेश द्वार है। नैनीताल जिले के अंतर्गत आने वाला हल्द्वानी शहर पर्यटन के लिए भी काफी खास माना जाता है। आइये जानते हैं यहां परिवार या दोस्तों के के साथ हल्द्वानी के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह के बारे में ।
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अगर आप भी हल्द्वानी में हैं, तो जरूर जाने हल्द्वानी के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह

हल्द्वानी उत्तराखंड का एक छिपा हुआ स्वर्ग है। जो अपनी कुमाऊंनी संस्कृति, पहाड़ी आकर्षणों और अपनी व्यवसायी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। उत्तराखंड का यह शहर कुमाऊं के जादुई राज्य का प्रवेश द्वार है। नैनीताल जिले के अंतर्गत आने वाला हल्द्वानी शहर पर्यटन के लिए भी काफी खास माना जाता है। आइये जानते हैं यहां परिवार या दोस्तों के के साथ हल्द्वानी के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह के बारे में ।

यहां का शांत वातावरण, नदी, घाटी और पहाड़ी घाटियां पर्यटकों को काफी ज्यादा आकर्षित करने का काम करते हैं। इस शहर का इतिहास बताता है कि यह कभी कुमाऊं साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था। यह क्षेत्र कुमाऊं के प्रभुत्व में तब आया जब चांद राजवंश के राजा ज्ञान चंद ने 14वीं शताब्दी के दौरान दिल्ली सल्तनत का दौरा किया था।

माना जाता है कि मुगलों ने भी इस क्षेत्र पर अपना अधिकार जमाने की काफी कोशिश की थी, पर वे कामयाब न हो सके। अपने वृहद अतीत के साथ हल्द्वानी आज राज्य के चुनिंदा खास पर्यटन गंतव्यों में गिना जाता है।

काठगोदाम 

हल्द्वानी के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है  काठगोदाम ।कुमाऊंनी में काठगोदाम को लक्कड़ घर कहा जाता है। बहुत से पर्यटकों के लिए काठगोदाम अन्य स्थानों तक जाने के लिए मात्र एक रेलवे स्टेशन होगा, लेकिन इससे अलग इस स्थल का अपना अलग दिलचस्प इतिहास है। घूमने-फिरने के लिए यहां भी बहुत से स्थल मौजूद हैं, जहां आप जा सकते हैं।

काठगोदाम के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल । places to visit in kathgodam uttarakhand - Hindi Nativeplanet

दिल्ली, कोलकाता, जम्मूतवी से आपको यहां तक के लिए रेल सेवा आसानी से मिल जाएंगी। यह स्थल सैलानियों को कुमाऊं हिमालय तक पहुंचने का सरल मार्ग प्रदान करता है। अपने शानदार पहाड़ी परिवेश और हिमालय की खूबसूरती के साथ यह सभी सैलानियों का स्वागत करता है। हल्द्वानी की खूबसूरती देखने की शुरुआत आप यहां से कर सकते हैं।

गोला डैम 

हल्द्वानी के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है गोला बांध . हल्द्वानी के पर्यटन आकर्षणों की श्रृंखला में आप गोला बांध की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह बांध गोला नदी पर बना है, जो हिमालय से निकलकर रामगंगा में मिल जाती है। यह नदी काठगोदाम से होकर भी गुजरती है, जिसके किनारे कई शानदार प्राकृतिक आकर्षण मौजूद हैं। इस नदी पर बना बांध भारी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

काठगोदाम,गौला नदी में बहे दो युवक,एक का शव बरामद दूसरा लापता

 

अपनी खूबसूरती के कारण यह स्थल एक पिकनिक स्पॉर्ट बन चुका है, जहां वीकेंड पर लोग मौज-मस्ती और सुकून के पर बिताने के लिए आते हैं। यह बांध स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दराज के पर्यटकों के मध्य भी काफी लोकप्रिय है। कुछ अलग अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं।

शीतला देवी मंदिर 

अपनी यात्रा को धार्मिकता से जोड़ने के लिए आप शीतला देवी मंदिर के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं।   यह हल्द्वानी के निकटवर्ती धार्मिक स्थलों में गिना जाता है, जहां दर्शन के लिए दूर-दराज के श्रद्धालुओं का आगमन होता है।

शीतला माता मंदिर काठगोदाम, नैनीताल - Jay Uttarakhandi

 

शीतला माता का मंदिर एक छोटी पहाड़ी पर मौजूद है, जहां पहुंचने के लिए भक्तें को कुछ दूर तक पहाड़ी चढ़ाई करनी होती है। स्थानीय लोगों की गहरी आस्था माता शीतला से जुड़ी हैं। आध्यात्मिक अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं।

कालीचौड़ मदिर 

कालीचौड़ मंदिर गौलापार में स्थित काली माता का प्रख्यात मंदिर है। हल्द्वानी से 10 किमी और काठगोदाम से 4 किमी की दूरी पर स्थापित कालीचौड़ मंदिर के लिए काठगोदाम गौलापार मार्ग पर खेड़ा सुल्तानपुरी से एक खूबसूरत पैदल रास्ता जाता है। खेड़ा सुल्तानपुरी से कुछ दूर चलने के बाद निर्जन और सुरम्य जंगल के बीच एक कच्ची पगडण्डी आपको कालीचौड़ के मंदिर तक ले जाती है।

 

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आधुनिक काल में इस मंदिर की स्थापना के बारे में मान्यता है कि 1930 के दशक में कलकत्ता, पश्चिम बंगाल के रहने वाले एक भक्त को सपने में आकर माँ काली ने स्वयं इस गुमनाम स्थल के बारे में जानकारी दी।

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काली माता के भक्त इस कलकत्तावासी ने अपने हल्द्वानी निवासी एक मित्र रामकुमार चूड़ीवाले को माँ काली द्वारा स्वप्न में आकर यह सूचना देने की जानकारी दी।

हिडिंबा पर्वत 

उपरोक्त स्थलों के अलावा आप हिडिंबा पर्वत की सैर का प्लान बना सकते हैं। भीमताल से लगभग 5 कि.मी की दूरी पर भीम की पत्नी हिडिंबा का एक मंदिर है, जहां से आप पहाड़ी खूबसूरती का आनंद जी भरकर उठा सकते हैं।

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यह स्थल प्रकृति प्रेमियों से लेकर एडवेंचर का शौक रखने वालों के लिए काफी खास माना जाता है, आप यहां का प्लान अपने दोस्तों के साथ बना सकते हैं। ये थे कुछ खास स्थल जिनकी सैर आप हल्द्वानी भ्रमण के दौरान कर सकते हैं।

ज्योलिकोट 

हल्द्वानी से 23 कि.मी की दूरी तय कर ज्योलिकोट हिल स्टेशन पहुंच सकते हैं, यह नैनीताल जिले के अंतर्गत एक शानदार पर्यटन स्थल है, जहां की पहाड़ी खूबसूरती और मनमोहक आबोहवा का आनंद लेने के लिए दूर-दराज के पर्यटकों का आगमन होता है।

हल्द्वानी के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह

एक प्रकृति प्रेमी से लेकर रोमांच का शौक रखने वालों के लिए यह स्थल काफी ज्यादा मायने रखता है। यह स्थल अपार आत्मिक और मानसिक शांति प्रदान करता है, स्थानीय लोगों का मानना है कि इस स्थल की शांति से प्रभावित होकर स्वामी विवेकानंद ने यहां ध्यान किया था। आपको यहां ठहरने के लिए कई कॉटेज मिल जाएंगे। एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं।

कालूशाई मंदिर 

हल्द्वानी के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है कालूशाई मंदिर । हल्द्वानी कालाढूंगी चौराहे के पास स्तिथ कालूशाई मंदिर आस्था  स्थल है। हर सुबह मंदिर के द्वार खुलते ही श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए आते रहते है।

हल्द्वानी के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह

मुख्य सड़क के एकदम पास होने के कारण यहां जगह की कमी है। इस मंदिर से कुछ ही दूरी पर उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा संचालित रोडवेज बस अड्डा हैं।

52 दांत विजिटिंग स्पॉट 

हल्द्वानी के फतेहपुर में अंग्रेजों का बनाया 52 दांत विजिटिंग स्पॉट टूरिस्ट स्पॉट बनने जा रहा है। इस पुल का निर्माण अंग्रेजों ने 1904 के आसपास किया था। 118 साल पुरानी इस ऐतिहासिक जगह को नए रंग रूप में लोगों के बीच लाया जा रहा है।

हल्द्वानी के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह

इस डांठ में 52 पिलर हैं और इसी वजह से इसका नाम 52 डांठ पड़ा। इस नहर की लंबाई करीब एक किलोमीटर है, जो फतेहपुर से लामाचौड़ तक गुजरती है।हल्द्वानी शहर में रामनगर रोड पर कठघरिया से डेढ़ किलोमीटर आगे फतेहपुर स्थित है। फतेहपुर पहुंचते ही आप वन विभाग के दफ्तर से होते हुए बावन डांठ पहुंच सकते हैं। मुख्य सड़क से इसकी दूरी करीब एक किलोमीटर है।

नौकुचियाताल

नौकुचियताल  (नौ कोनों झील ) हिल स्टेशन हल्द्वानी के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह में से एक है, यहां पर आप नोकविहर का आनंद ले सकते हैं। यह झील पहाड़ियों के बीच स्थित है और कुमाऊं के हिमालय में एक सुंदर झलक पेश करती है।

उत्तराखंड का यह शहर कुमाऊं के जादुई राज्य का प्रवेश द्वार है। नैनीताल जिले के अंतर्गत आने वाला हल्द्वानी शहर पर्यटन के लिए भी काफी खास माना जाता है। आइये जानते हैं यहां परिवार या दोस्तों के के साथ हल्द्वानी के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह के बारे में ।

झील समुद्र तल से 4000 फीट की ऊंचाई पर है, यहां का दृश्य काफी सुंदर होता है, इसलिए जब आप हल्द्वानी से यात्रा करेंगे तो आप इस जगह पर एक बार जरुर घुमने के लिए जाए।

 

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