उत्तराखंड के इन दो युवाओं ने स्वरोजगार की कायम की मिसाल , पहले खाये नौकरी के लिए धक्के अब देते कइयों को रोजगार
| |

उत्तराखंड के इन दो युवाओं ने स्वरोजगार की कायम की मिसाल , पहले खाये नौकरी के लिए धक्के अब देते कइयों को रोजगार

कहते हैं पहाड़ में अगरअपनी जिंदगी बढ़नी है तो स्वावलंबी बनाना होगा .  पहाड़ में अक्सर हम पलायन की समस्या का सामना करते हैं और अक्सर अपना घर बार छोड़ कर प्रदेश चले जाते हैं .

लेकिन उत्तराखंड के दो दोस्तों ने यहाँ पर स्वरोजगार की ऐसी मिसाल कायम की है की  जिसने भी इनके बारे सुना इसकी तारीफ करने से खुद को न रोक पाया .

उत्तराखंड के इन दो युवाओं ने स्वरोजगार की कायम की मिसाल , पहले खाये नौकरी के लिए धक्के अब देते कइयों को रोजगार

जी हाँ हम बात कर रहे हैं टिहरी गढ़वाल के दो दोस्त कुलदीप बिष्ट और उनके दोस्त प्रमोद जुयाल की । इन दोनों ने अपने गाँव में मशरूम का उत्पादन शुरू किया और अपने साथ साथ कई लोगों की ज़िंदगी बदली।

JMD Farms - Agricultural Service in Kulhan

शहरों में नौकरी के लिए खाये धक्के

आपको बता दें टिहरी गढ़वाल के ये दो दोस्तों ने इससे पहले काम के लिए शहरों के धक्के खाये । जब फिर शहर के गधा मजदूरी से तंग आकर दोनों ने गाँव का रूक किया और यहाँ पर अपने ही  भैंसकोटी गांव में मशरूम की खेती  की शुरुआत की . और फिर कभी पीछे मोड़ कर नहीं देखा .

JMD Farms - Agricultural Service in Kulhan

दोनों ने मिलकर 40 हजार रुपये लगाकर मशरूम की खेती का काम करना शुरू किया। नौकरी के साथसाथ इसके लिए दोनों ने वर्ष 2015 में उन्होंने मशरूम उत्पादन के लिए  उत्तराखंड के उद्यान विभाग और वही के स्थानीय मशरूम किसानों से ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया।

Kuldeep Bisht - Managing Director - JMD FARMS | LinkedIn

और मेहनत और लगन क साथ काम करना शुरू किया । जैसे जैसे कामागे बड़ा दोनों को अच्छा मुनाफा मिलने लगा । तो उन्होंने अपने साथ अन्य लोगों को भी रोजगार देना शुरू कर दिया ।

JMD Farms - Agricultural Service in Kulhan

JMD Farms कंपनी की हुई शुरुआत

आपको भैंसकोटी के कुलदीप बिष्ट ने गाजियाबाद से एमबीए भी किया हुआ है। और वे बैंक में जॉब कर रहे थे, खेती से लगाव के चलते  उन्होंने अपना कुछ काम करने की ठानी और दोस्त  प्रमोद के साथ मिलकर मशरूम की खेती की शरुआत की .

मशरूम  की खेती में मुनाफा के साथ ही JMD Farms कंपनी की शुरूआत करी . साथ ही तिहरीओर देहरादून में प्रोडक्शन शुरू कर दिया।

इस कंपनी में  ताज़े मशरूम के अतिरिक्त मशरूम  से अचार, मुरब्बा, बिस्कुट और ड्राई पाउडर समेत कई प्रोडक्ट बनाये  जा रहे हैं  रहे हैं, जिसकी शहरों में अच्छी खासी डिमांड रहती  है।

 

अपने खुद के काम के अलावा कुलदीप और प्रमोद अन्य लोगों को भी इस काम की ट्रैनिंग देते हैं  उनके द्वारा अब तक  2500 लोगों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है और गाँव में लगभग 90 लोग उनके मशरूम उत्पादन के काम से जुड़ चुके हैं।   ‘Fungoo’ ब्रांड नाम के साथ दोनों के प्रोडक्ट मार्किट में सेल्ल किये जा रहे हैं .

उत्तराखंड के इन दो युवाओं ने स्वरोजगार की कायम की मिसाल , पहले खाये नौकरी के लिए धक्के अब देते कइयों को रोजगार

मशरूम के खेती और बिज़नेस से दोनों ने पिछले साल 40 लाख का मुनाफा कमाया था है। अब दोनों मिलकर  भविष्य में मशरूम से नूडल्स और च्यवनप्राश बनाने के आईडिया पर भी काम कर रहे हैं ।

 

Similar Posts