Famous Shiva Temple in Uttarakhand: प्राचीन मान्यताओं के अनुसार कैलाश पर्वत पर शिव जी का वास मन गया है और यहीं कनखल (हरिद्वार) व हिमालय में शिव जी का ससुराल है । उत्तराखण्ड को देव भूमि महादेव की भूमि भी कहा जाता है । यहाँ पर विश्व प्रशिद्ध शिव जी के प्राचीन मंदिर स्थित हैं । जहाँ हर वर्ष लाखों श्रद्धालु देवों के देव महादेव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पहुंचते हैं ।
आज अपने इस लेख के माधयम से कुमाऊँ मण्डल के ऐसे ही 11 प्राचीन मान्यता वाले मदिरों के बारे जानकारी दे रहे हैं जिन्हे देखने और महादेव के दर्शन करने देश-विदेश के श्रद्धालुओं आते हैं । कहते हैं देवभूमि के इन शिव मंदिरों में भगवान शिव साक्षात विराजमान हैं। Famous Shiva Temple in Uttarakhand
कुमाऊँ मण्डल के 12 प्राचीन शिव मंदिर /Famous Shiva Temple in Uttarakhand
- जागेश्वर महादेव, अल्मोड़ा- जागेश्वर धाम उत्तराखंड में अल्मोड़ा के पास स्थित एक धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल है। कुछ लोगों का मानना है कि जागेश्वर जगत के पालनहार भगवान विष्णु द्वारा स्थापित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

- बिनसर महादेव मंदिर रानीखेत- बिनसर महादेव मंदिर एक मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है, और रानीखेत से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है। यह अपने पुरातात्विक महत्व के लिए जाना जाता है, और इस तथ्य के लिए भी कि इसमें खूबसूरत पेड़ों से भरा एक बगीचा है। Famous Shiva Temple in Uttarakhand
- कपिलेश्वर मंदिर, अल्मोड़ा- महादेव कपिलेश्वर मंदिर अल्मोड़ा से लगभग 12 किमी दूर सिमलती गांव के पास स्थित है। मंदिर एक पहाड़ी पर बना है और इसकी ऊंचाई करीब 37 फीट है। यह मंदिर अपनी सुंदर कलाकृति के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
- पाताल भुवनेश्वर, पिथौरागढ़- पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा किसी आश्चर्य से कम नहीं है।। लोगों का कहना है कि गुफा के सामने एक-एक पत्थर की मूर्ति अपने आप में सारे रहस्य समेटे हुए है। इस गुफा में पानी लगातार शिवलिंग के ऊपर से उसका सम्मान करते हुए बहता है। Famous Shiva Temple in Uttarakhand
- थलकेदार मंदिर, पिथौरागढ़- थल केदार मंदिर समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊंचाई पर एक पहाड़ी पर स्थित है। यह अपने शिवलिंग के लिए जाना जाता है, जो हजारों साल पुराना माना जाता है। लोग इस मंदिर में मन्नत मांगने आते हैं और विश्वास करते हैं कि उनकी मनोकामना पूरी होगी।
- बागनाथ मंदिर, बागेश्वर- भगवान शिव के मंदिर को व्याघ्रेश्वर या बागनाथ कहा जाता है। यह उत्तराखंड में स्थित है और इस क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण पवित्र स्थलों में से एक के रूप में जाना जाता है। Famous Shiva Temple in Uttarakhand
- क्रान्तेश्वर महादेव, चम्पावत- चंपावत शहर के पूर्व में कूर्म पर्वत की चोटी पर क्रांतेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है। यह अत्यधिक धार्मिक श्रद्धा का स्थान है और अक्सर स्थानीय लोगों द्वारा इसे कणदेव या कुर्मापाड़ा कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार क्रांतेश्वर महादेव मंदिर की पहाड़ी के भीतर भगवान विष्णु का वास माना जाता है।
- ऋषेश्वर महादेव, चम्पावत- लोहावती नदी के तट पर स्थित मंदिर एक ऐसा स्थान है जहाँ लोग भगवान शिव से प्रार्थना करने आते हैं। लोहाघाट में लोगों के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है, और यह तिब्बत में कैलास मानसरोवर मंदिर की यात्रा करने वाले लोगों के लिए भी एक लोकप्रिय स्थान है। यात्रा से घर लौटने से पहले मंदिर में जाना और ऋषिश्वर महादेव के मंदिर में प्रार्थना करना महत्वपूर्ण माना जाता है। Famous Shiva Temple in Uttarakhand
- सिद्ध नरसिंह मंदिर, चम्पावत- सिद्ध नरसिम्हा मंदिर काफी ऊंचाई पर स्थित है। यह ऊंचे ओक के पेड़ों से घिरा हुआ है और बहुत सुंदर है। साल भर लोग यहां भगवान के दर्शन के लिए आते है
- भीमेश्वर महादेव, भीमताल- नैनीताल के भीमताल में भीमेश्वर महादेव मंदिर पौराणिक काल से स्थित है, जो नैनीताल से २२ किमी0 की दूरी पर स्थित है भीमेश्वर मंदिर में शिव लिंग पर शिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा दुग्धाभिषेक व जलाभिषेक किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर पाण्डवों द्वारा स्थापित किया गया था। Famous Shiva Temple in Uttarakhand
- मुक्तेश्वर महादेव,नैनीताल- मुक्तेश्वर महादेव मंदिर एक धार्मिक स्थल है जिसके बारे में माना जाता है कि इसकी स्थापना बहुत पहले हुई थी। शिवरात्रि उत्सव के दौरान, भक्त मंदिर के अंदर शिवलिंग की मूर्ति पर दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक नामक एक विशेष समारोह करते हैं। यह मंदिर कत्यूरी शैली में बना है। Famous Shiva Temple in Uttarakhand
- मोटेश्वर महादेव, ऊधमसिंह नगर- महाभारत काल में मोटेश्वर महादेव मंदिर बारहवां उपज्योतिर्लिंग है। इस मंदिर में शिवलिंग बहुत मोटा है, और इस प्रकार इसे मोटेश्वर महादेव मंदिर के रूप में जाना जाता है। स्कंद पुराण में भगवान शिव ने कहा है कि जो भक्त कावड़ का घड़ा अपने कंधे पर रखकर हरिद्वार से गंगा जल लाता है, उसका उद्धार इसी मान्यता के कारण होता है। इसलिए यहां के लोग मन्नत पूरी होने पर कावड़ चढ़ाते हैं। Famous Shiva Temple in Uttarakhand