उत्तराखण्ड के युवा अपने प्रतिभा और मेहनत से आज रोज नए नए रिकॉर्ड बना रहे हैं । और अगर आप ठान लें तो कुछ भी हासिल कर सकते हैं।ऐसे ही एक युवा हैं हल्द्वानी के वैभव पांडे जिन्होंने अपने अद्भुत प्रतिभा से ने पूरे जिले और प्रदेश का का नाम रोशन किया है। वैभव पांडे एक युवा आइकन हैं .
आइये आज हम आपको उत्तराखंड के इस बेटे के बारे कुछ ऐसे बातें बताते हैं जिससे जानकार आप भी उनके उत्तराखंड से होने पर गर्व महसूस करेंगे
वैभव पांडे व्यक्तित्व परिवर्तन करने वाली कंपनी ट्विन विन TWIN WIN का सह-संस्थापक भी हूं। वे भारत भर के कॉलेजों, स्कूलों और कॉर्पोरेट में प्रेरक/करियर ओरिएंटेशन व्याख्यान भी देते हैं । उन्हें युवाओं, शिक्षा और एनआरआई से जुड़े मुद्दों में गहरी दिलचस्पी है
वैभव पांडे की कंपनी को व्यक्तित्व और जीवन कौशल प्रशिक्षण के लिए कंपनी ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया। उन्होंने 500 से अधिक भाषण दिए हैं और छह से अधिक देशों के लोगों को प्रशिक्षित किया है। उन्होंने TEDX, UN इवेंट्स, IITs, इंटरनेशनल बुक फेयर आदि जैसे मंचों पर बात की है।
उन्हें 2019 में ‘एजुकेशनिस्ट ऑफ द ईयर’ और यंग अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया। वह आजतक, सीएनबीसी आवाज, सीएनएन आदि जैसे राष्ट्र समाचार चैनलों पर एक सक्रिय अतिथि पैनलिस्ट हैं।
20 के दशक में, जब लोग नौकरी की तलाश कर रहे थे, तब वैभव नौकरियां पैदा कर रहे थे। कॉलेज से ख़तम करने के बाद , श्री पांडे ने 2012 में अंशुल वशिष्ठ और मयंक गर्ग के साथ ट्विन विन की सह-स्थापना की। ट्विन विन एक कौशल विकास संगठन है जो हर साल हजारों लोगों को प्रशिक्षित करता है।
इसके लिए ट्विन विन को कंपनी ऑफ द ईयर का अवॉर्ड भी दिया गया है। ट्विन विन की स्थापना के विचार के बारे में पूछे जाने पर, श्री पांडे ने साझा किया, “मैं इंजीनियरिंग के अपने अंतिम वर्ष में था जब मेरी पहली पुस्तक प्रकाशित हुई और मैं संयोग से अपने राज्य का सबसे कम उम्र का लेखक बन गया।
वैभव बताते हैं की मुझे बहुत पहले ही यह एहसास हो गया था जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल की आवश्यकता होती है। मार्कशीट को किराए पर नहीं लिया जा सकता है!
इस प्रकार, ट्विन विन का विचार आया, जो संचार कौशल, प्रोफाइल बिल्डिंग इनोवेशन, क्रिएटिविटी और सबसे महत्वपूर्ण जीवन कौशल जैसे आवश्यक कौशल के साथ युवा दिमाग को सशक्त बनाने के लिए समर्पित संगठन है।
वैभव पांडे ने एक ही दिन में 65 सरकारी योजनाओं की जानकारी सैकड़ों लोगों तक पहुंचा दी। एक ही दिन में कई अलग अलग कार्यक्रमों का आयोजन कर वैभव ने भारत सरकार की लगभग सभी नीतियों से विभिन्न लोगों को जानकारी अवगत कराया।
वैभव ने रिकॉर्ड 1 दिन में 8 केंद्रों के जरिए 65 सरकारी योजनाओं की जानकारी सैकड़ों लोगों तक पहुंचाई है और इसी अनूठे काम से उनका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है।