seasonal influenza can also increase your problems
|

रहें सतर्क ! कोरोना ही नहीं सीजनल इन्फ्लूएंजा भी बढ़ा सकता है आपकी परेशानी, इन लक्षणों का रखें ध्यान

सोमवार से दून अस्पताल में मरीजों के लिए फ्लू ओपीडी भी शुरू हो गई है। पहले दिन कुल 20 मरीजों को इलाज मिला. दून अस्पताल के एमएस डॉ. अनुराग अग्रवाल के अनुसार, मौसमी इन्फ्लूएंजा और कोविड के लक्षण काफी समान हैं, जिनमें सर्दी, खांसी, बुखार और शरीर में दर्द जैसी समस्याएं शामिल हैं।

कोविड के अलावा मौसमी इन्फ्लूएंजा के खतरे को लेकर भी चिंता बढ़ रही है। आपको बता दें दून अस्पताल के श्वसन विभाग में आने वाले सभी मरीजों से इन्फ्लूएंजा परीक्षण कराया जा रहा है । दून जिले में कोविड के दो मामले चिन्हित किये गये हैं। इसके अलावा, मौसमी इन्फ्लूएंजा से पीड़ित रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

बढ़ रही है इन्फ्लुएंजा की संख्या

अब तक पांच से अधिक इन्फ्लुएंजा ए के मरीज आ चुके हैं। ऐसे में सोमवार से दून अस्पताल में मरीजों के लिए फ्लू ओपीडी भी शुरू हो गई है। पहले दिन यहां पर 20 मरीजों ने इलाज करवाया।

दून अस्पताल के एमएस डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि सीजनल इन्फ्ललुंजा और कोविड के लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं। इसमें सर्दी, जुकाम, बुखार और बदन दर्द की समस्या होती है। हालांकि कुछ मरीजों में यह ज्यादा और कम हो सकता है।

इसके लिए अलर्ट रहने की जरूरत होती है। ऐसे में मरीज को आइसोलेशन की जरूरत होती है। अस्पताल में खांसी, जुकाम और बुखार के मरीजों की इन्फ्लुएंजा जांच की जा रही है। फ्लू ओपीडी में दिखाने के बाद मरीज को संबंधित विभाग में इलाज के लिए भेजा जाएगा।

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. सीएस रावत ने बताया कि सोमवार को कोविड का कोई नया मरीज नहीं मिला है। सोमवार को 11 मरीजों की आरटीपीसीआर जांच हुई थी सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

सी केटेगिरी इन्फ्लुएंजा गंभीर

डॉ. अनुराग अग्रवाल के अनुसार, स्वाइन फ्लू 2009 में उभरा जिससे कुछ मौतें हुईं। परिणामस्वरूप, सरकार ने कई वर्षों तक इस बीमारी की निगरानी की और समय के साथ मौतों में कमी देखी गई।

इसे ए, बी और सी श्रेणियों के साथ मौसमी इन्फ्लूएंजा के रूप में वर्गीकृत किया गया। जबकि ए और बी उपभेदों को खतरनाक नहीं माना जाता है, सी श्रेणी के रोगियों को अधिक गंभीर लक्षणों का अनुभव हो सकता है। फिर भी, किसी भी निदान के निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले उचित जांच करना महत्वपूर्ण है।

राज्य सर्विलांस अधिकारी डॉ. पंकज सिंह ने विनम्र जानकारी देते हुए बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार स्वाइन फ्लू वायरस को मौसमी इन्फ्लूएंजा की श्रेणी में रखा गया है। ज्यादातर मामलों में इसकी तुलना हल्के सर्दी और बुखार से की जा सकती है। यदि लक्षण बिगड़ते हैं, तो कोई भी दवा लेने से पहले चिकित्सकीय सलाह लेने की सलाह दी जाती है।

 

 इन लक्षणों का रखें ध्यान

  • सिर दर्द
  • खांसी
  • जुकाम,
  • गले में खराश
  • बुखार और ठंड लगना
  • बदन दर्द
  • थकान और कमजोरी
  • जी मिचलाना
  • निमोनिया
  • सांस की समस्या

इस बातों का रखें ध्यान

संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से परहेज करने की सलाह दी जाती है।

रोगी को दूसरों से अलग रखें।

उन वस्तुओं का उपयोग करने से बचें जिनका उपयोग रोगी द्वारा पहले ही किया जा चुका है।

मरीज के खांसने या छींकने पर यह संक्रमण फैलने की संभावना होती है।

किसी चिकित्सा पेशेवर से सलाह लें।

Similar Posts