पहाड़ों के रास्ते कितने दुर्गम होते हैं, यह तो सभी जानते हैं यहां एक स्थान से दूसरे स्थान के कुछ किलोमीटर की दूरी को तय करने में भी कई घंटों का समय लग जाता है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से चमोली की दूरी लगभग 300 किलोमीटर की है 300 किलोमीटर की दूरी को कम करने के लिए उत्तराखंड से चमोली तक टनल परियोजना का शुभारंभ किया जा चुका है।
इस परियोजना का काम काफी दिनों से रुका हुआ था, जिसके अब दोबारा शुरू होने के आसार जग गए हैं। चमोली और उत्तराखंड के बीच बन रही यह सुरंग 30 किलोमीटर लंबी है।
इस परियोजना के तहत 3 चैनल पर योजनाओं व 20 किलोमीटर की सड़क के निर्माण होने के बाद जौलिंगकांग से लप्थल की दूरी 490 किलोमीटर से घटकर सिर्फ 42 किलोमीटर रह जाएगी।
नितिन गडकरी के समक्ष रखा प्रस्ताव
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मुद्दे को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष उठाया और परियोजना के लिए उनकी स्वीकृति का अनुरोध किया। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सामने योजना का खाका पेश किया.
उन्होंने उन संभावित लाभों पर प्रकाश डाला जो लोगों को अनुभव होंगे यदि पिथौरागढ से चमोली के बीच 30 किमी लंबी सुरंग का निर्माण किया जाता है।
इस सुरंग के पूरा होने से, पिथौरागढ की जोहार घाटी, चमोली के लापथल क्षेत्र से निर्बाध रूप से जुड़ जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय समुदायों को महत्वपूर्ण लाभ होगा। इसके अतिरिक्त, सुरंगों के कार्यान्वयन से राज्य के सड़क नेटवर्क में काफी वृद्धि होगी।
इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिथौरागढ़ की जौलिंगकांग व्यास घाटी से बेदांग के बीच पांच किमी लंबी सुरंग और बेदांग से गोवा और सिपू तक 20 किमी लंबी सड़क के निर्माण का अनुरोध किया। इससे जोलिंगकांग और बेदांग के बीच की दूरी 161 किमी कम हो जाएगी।

