देहरादून की शान कहे जाने वाले चाय के बागान अब सूखे कंक्रीट के जंगलों में बदल गए हैं, जहां अब चारों तरफ सूखे नुकीले पौधे नजर आते हैं। देहरादून के हरे भरे चाय के बागान अब कंक्रीट के जंगलों में बदल गए हैं जहां चारों तरफ सुखा मैदान नजर आता है कटीले पौधों का सूखा मैदान नजर आता है।।
इन चाय के बागान ओं का यह हश्र देखकर अब प्रशासन सख्त हो गया है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने को तैयार है।
हाल ही में, प्रशासन ने समस्या को दूर करने के लिए कठोर कदम उठाए हैं। देहरादून के वे क्षेत्र जो कभी चाय के बागानों से समृद्ध थे, दुर्भाग्य से ज़मीनें भू-माफियाओं के नियंत्रण में आ गई हैं। इन चाय बागानों को कभी देहरादून शहर की शान और पहचान के रूप में देखा जाता था, लेकिन अफसोस की बात है कि हालात काफी बदल गए हैं।
चाय बागानों की जमीन पर की गई अवैध खरीद-फरोख्त
एक समय के खूबसूरत चाय बागान अब अब बंजर जमीनों में बदल गए हैं। हाल ही में इस मामले को लेकर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. चाय बागान की जमीन की अवैध खरीद-बिक्री में शामिल लोगों को नोटिस भेजा गया है.
उनसे 11 अगस्त को अदालत की सुनवाई में शामिल होने का निर्देश किया गया है। चाय बागान की जमीन के खरीदार विनोद कुमार और दीपचंद अग्रवाल को उल्लिखित तिथि पर सभी प्रासंगिक दस्तावेज अदालत में लाने के लिए बुलाया गया है।
यहांजिस जमीन की बात हो रही है वह रायपुर का खसरा नंबर 1586 है। दून में चाय बागान की खरीद-फरोख्त और जमीन की सीलिंग के मामले की समीक्षा फिलहाल अपर जिलाधिकारी डॉ. शिव कुमार बरनवाल कर रहे हैं।
पहले भी दिया जा चुका है नोटिस
डॉ. बरनवाल ने एसडीएम ऋषिकेश और एसडीएम विकासनगर से ढकरानी, अर्काडिया और रायवाला में सीलिंग भूमि के नए और पुराने पूरे रिकॉर्ड उपलब्ध कराने अभी आदेश दिया है। 1 जून को भी एसडीएम और तहसीलदार को लाडपुर के पर्ल व्यू पर तीन दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने आदेश दिया गया था।
लेकिन उसके बाद भी अब तक यह रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई गई है। अब आरटीआई कार्यकर्ता अधिवक्ता विकेश नेगी का सुझाव है कि चाय बागान की भूमि को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कदम उठाए जाने चाहिए।
आपको बता दें देहरादून चाय बागान की जमीनों में मुख्य रूप से जमीनपुर, अट्टनबाग, रायपुर, नत्थनपुर, अंबाडी, जीवनगढ़, एनफील्ड ग्रांट, रायपुर, अर्काडिया ग्रांट, हरबंसवाला, मलूकावाला, खेमादोज, मोहकमपुर खुर्द, बंजारावालामाफी, ईस्ट होम टाउन और में चाय बागानों की भूमि स्थित हैं।
देहरादून में लाडपुर. इस मामले को लेकर अधिवक्ता विकेश नेगी ने डीएम के समक्ष चिंता जताते हुए कहा कि रोक के बावजूद जमीन के ये सौदे हो रहे हैं.