उत्तराखंड सरकार ने बदली 5 साल पुरानी स्टार्टअप पॉलिसी, अब मिलेगा 1 करोड़ तक वित्तीय प्रोत्साहन; 1000 स्टार्टअप का लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही स्टार्टअप परियोजना से युवाओं के बीच स्टार्टअप क्रेज बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी इनोवेशन और स्किल्स डेवलपमेंट्स को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही स्टार्टअप परियोजना धीरे-धीरे उच्च स्तर पर पहुंच रही है।

उत्तराखंड सरकार की नयी स्टार्टअप पालिसी –

सरकार ने 2018 में चलाई गई स्टार्टअप पॉलिसी को समाप्त करके उत्तराखंड स्टार्टअप पॉलिसी 2023 जारी की है। इस नई पॉलिसी में कुछ नए प्रावधान शामिल किए गए हैं और कुछ पुराने हटाए गए हैं। नई स्टार्टअप पॉलिसी 2023 के तहत पांच वर्षों में आगामी लक्ष्य तय किए गए हैं।

अब इस पॉलिसी के माध्यम से युवाओं को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा और उद्यमियों के लिए प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाई गई है। सरकार की नयी उत्तराखंड स्टार्टअप पॉलिसी 2023 के तहत 1000 स्टार्टअप को शुरू करवाने का लक्ष्य है।

200 करोड़ का वेंचर फंड बनाया जायेगा 

स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने 200 करोड़ का वेंचर फंड तैयार किया जायेगा। इससे नवाचार आइडिया पर बिजनेस शुरू करने के लिए युवा उद्यमियों को सरकारी स्तर पर फंड मिल सकेगा। अभी तक स्टार्टअप को वेंचर निवेशक ही वित्तीय सहायता उपलब्ध कराते थे।

कैसे करेगी सरकार सहायता

  • राज्य में 30 इन्क्यूबेशन सेंटर खोले जाएंगे और हर जिले में कम से कम एक सेंटर स्थापित होगा।
  • मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को एक साल तक निशुल्क इन्क्यूबेशन की सुविधा दी जाएगी।
  • स्टार्टअप को शुरुआत करने के लिए केंद्र सरकार प्रति स्टार्टअप को 1 लाख से 1 करोड़ तक वित्तीय प्रोत्साहन दे रही है। इससे नवाचार को नई दिशा मिलेगी, 40 से अधिक स्टार्टअप उद्यमों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा चुकी है।
  • मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को 10 लाख रुपये तक का एकमुश्त सीड फंडिंग प्रदान की जाएगी
  • नीति में महिलाओं के अलावा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर, और ग्रासरूट नवाचारों के लोग यदि स्टार्टअप कंपनी बनाएंगे तो सरकार ने उन्हें 12.5 लाख रुपये तक की मदद करेगी।
  • सरकार स्टार्टअप तैयार करने में मदद ही नहीं करेगी बल्कि उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराएगी। यदि कोई स्टार्टअप कंपनी क्रय वरीयता नीति में पंजीकरण होती है तो सरकारी विभाग 10 लाख तक सीधे उस स्टार्टअप से खरीद कर सकते हैं।
  • स्टार्टअप को दिए जाने वाले प्रोत्साहन व वित्तीय सहायता में बढ़ोतरी की है। ग्रैंड चैलेंज पुरस्कार में विजेता नवाचार आइडिया को दी जाने वालेपुरस्कार राशि को 50 हजार से बढ़ा कर दो लाख किया गया।

पेटेंट कराने पर पांच लाख तक की सहायता 

  • पेटेंट प्राप्त करने के लिए 1 लाख रुपये और अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट के लिए 5 लाख रुपये की प्रतिपूर्ति सहायता भी की जा रही है।
  • स्टार्टअप कंपनी के उत्पाद को ट्रेड मार्क लेने के लिए सरकार की ओर से प्रति ट्रेडमार्क 10 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। उत्पादों को डिज़ाइन कराने के लिए नीति में 10 हजार की सहायता देने की व्यवस्था की गई।

अभी तक देहरादून सहित अलग-अलग जिलों में 152 स्टार्टअप को सरकार मान्यता दे चुकी है। इनमें से रजिस्टर्ड कुछ स्टार्टअप ने पहले से ही अपना काम शुरू कर दिया है, जबकि कुछ अभी अंतिम चरण में हैं।

अब दो लाख का ग्रैंड चैलेंज पुरस्कार

स्टार्टअप को दिए जाने वाले प्रोत्साहन व वित्तीय सहायता में बढ़ोतरी की है। ग्रैंड चैलेंज पुरस्कार में विजेता नवाचार आइडिया को दी जाने वालेपुरस्कार राशि को 50 हजार से बढ़ा कर दो लाख किया गया।

हर साल सर्वश्रेष्ठ नवाचारी विचारों का चयन किया जा रहा है। पिछले साल आयोजित स्टार्टअप बूट कैंप में 1300 युवाओं ने भाग लिया था।

स्कूल-कॉलेज से ही उद्यमी बनने की प्रेरणा

स्कूल-कॉलेज से ही बच्चों में उद्यमी बनने के लिए प्रेरित किया जाए  इसके लिए नई नीति में स्कूल व कॉलेजों के साथ ही जिला स्तर पर नवाचार उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे नये नवाचार आइडिया को सरकार प्रोत्साहित करेगी।

रोजगार के अवसर होंगे पैदा

उद्योग निदेशालय के उप निदेशक राजेंद्र कुमार ने बताया कि स्टार्टअप प्रोग्राम सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है और इसके माध्यम से युवाओं को खुद का रोजगार प्राप्त करने के साथ ही दूसरों को भी रोजगार प्रदान करने का लक्ष्य है।

उत्तराखंड में स्टार्टअप उद्यम तेजी से बढ़ रहे हैं और इसी कारण राष्ट्रीय स्तर पर भी उत्तराखंड को स्टार्टअप रैंकिंग-2021 में लीडरशिप की श्रेणी प्राप्त हुई।

कहाँ हैं कितने स्टार्टअप्स 

जिलावार जानकारी के अनुसार मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की लिस्ट में – सबसे अधिक स्टार्टअप्स देहरादून में हैं, जहां 99 स्टार्टअप्स को मान्यता मिली हैं। इसके बाद हरिद्वार में 15, नैनीताल और यूएसनगर में 11-11, पौड़ी में 9, और अल्मोड़ा में 4, चमोली में 2, और टिहरी में एक स्टार्टअप को मान्यता मिली है।

संपूर्ण उत्तराखंड में कुल 152 स्टार्टअप प्रमाणित हैं।

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