उत्तराखंड की इस दुल्हन ने तोड़ी सदियों पुरानी परंपरा, वजह जानकर आप भी रह जायँगे दंग
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उत्तराखंड की इस दुल्हन ने तोड़ी सदियों पुरानी परंपरा, वजह जानकर आप भी रह जायँगे दंग

आज हैं आपको उत्तराखंड की ऐसी दुल्हन के बारे में बता रहे हैं जिसने वर्षों पुराणी परंपरा  को तोड़कर लड़कियों  को लड़को के बराबर लेकर खड़ा किया है . हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में आयी इस अनोखी दुल्हन की जिहोने अपनी शादी में शादी में दूल्हे की जगह बग्गी पर सेहरा बांधकर दुल्हन ने घुड़चढ़ी की रस्म निभाई.

जिससे इस  शादी की हर जहाँ चर्चा हो रही है . मुजफ्फरनगर की रहने वाली लड़की की शादी उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में एक परिवार में तय हुई थी. इस शादी की खास बात ये है कि इसमें घुड़चढ़ी की रस्म दूल्हे ने नहीं, बल्कि दुल्हन ने निभाई.

इस इस दौरान दुल्हन को देखने वालों की भीड़ लग गई. विदाई के बाद ससुराल पहुंचने पर दुल्हन के इस कदम की काफी चर्चा हो रही है.

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सिमरन ने फ़िल्मी अंदाज में  बारात में शाही एंट्री ली. सिमरन ने दूल्हे की तरह सज-धजकर पगड़ी  पहनकर बग्गी पर सवार हुई उसके बाद वे शादी की रस्म के लिए गई. फिर  28 नवंबर को दुष्यंत परिजनों और रिश्तेदारों के साथ सिमरन के घर  खतौली पहुंचे.

खहतोली में  शादी समारोह के बाद सिमरन की विदाई हुई और वो काशीपुर आ गयी . आपको बता दें सिमरन के पति दुष्यंत पेशे से पेट्रोलियम इंजीनियर है, जबकि सिमरन ने  बीटेक किया है और वो में दुबई में एक कंपनी में नौकरी करती है.

दिया है हर क्षेत्र में बराबर हैं लड़कियों की बराबरी का संदेश

सिमरन के अनुसार आज  समाज में लड़कियां लड़कों की तरन हर क्षेत्र में बढ़ चढ़ कर कामकर रही हैं . उन्होंने कहा की यह घुड़चड़ी की रश्म लड़को और लड़कियों की बरबई का सन्देश देने के लिए दी हैं। समाज में शादी की सभी रस्में लड़के और लड़की दोनों तरफ निभाई जाती हैं.  घुड़चढ़ी की रस्म केवल वर पक्ष के द्वारा लड़के को घोड़ी पर बैठाकर निभाई जाती है

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सिमरन के अनुसार  समाज में लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों से कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करती हैं. इसीलिए लड़की को लड़के के बराबर तवज्जो देते हुए इस परंपरा का आयोजन किया गया. उत्तराखंड की इस अनोखी दुल्हन के काम चर्चा की यूपी से लेकर  उत्तराखंड तक हो रही है.

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