नैनीताल जनपद आने वाले दिनों में अब पर्यटन हब के साथ साथ मशरूम हब के रूप में जाना जाएगा। जिलाधिकारी नैनीताल धीराज सिंह गबर्याल के निर्देश पर नैनीताल को मशरूम हब बनाने की कवायत शुरू की जा रही है ।
नैनीताल जनपद को हब बनाने के लिए 2 माह के अंदर उद्यान विभाग ने प्रत्येक विकास खंड के 500 काश्तकारों और किसानों को इसका प्रशिक्षण देना शरू कर दिया है।
मशरूम कवक से बना एक मांसल बीजाणु-युक्त जमीन के ऊपर पैदा होने वाला खाद्य पदार्थ है जो की भोजन का एक अच्छा स्रोत है। मशरूम कई तरह के होते हैं।
मशरूम के लिए अनुकूल नैनीताल की आबोहवा
नैनीताल जनपद की आबोहवा जहां मशरूम उत्पादन के लिए उपयुक्त पाई गई है। पिछले साल पूरे जिले में 2150 मीट्रिक टन मशरूम किया गया था। इसे देखते हुए इस उत्पादन को और बढ़ाने की तैयारी है।
इसके लिए डीएम ने कार्ययोजना तैयार की है। डीएम के निर्देश पर ही उद्यान विभाग ने काम शुरू कर दिया है। इसके तहत 500 काश्तकारों को प्रशिक्षण दिया गया है। डीएम के मुताबिक, इस योजना का एक मकसद बारिश और आपदा की मार झेलने वाले पहाड़ों के काश्तकारों की आय बढ़ाना भी है।
किसान व् महिला समूह भी करेंगे मशरूम का उत्पादन
महिलाओं को भी मशरूम उत्पादन से जाेड़ने की तैयारी है। इसके लिए चार वातानुकूलित मशरूम उत्पादन इकाइयां महिला समूहों को देने का प्रस्ताव भी है।
भीमताल में बीज लैब भी बनाया जा रहा है, जहां काश्तकारों को सही समय पर मशरूम का बीज उपलब्ध कराया जाएगा।

वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक आरसी जोशी के अनुसार अब तक 2400 किसानों को मशरूम खेती से जोड़ा जा चुका है। उन्होंने बताया कि कुमाऊं में 2021-22 में 4310 मीट्रिक टन मशरूम का उत्पादन किया गया था, जिसमें केवल नैनीताल जिले में 2150 मीट्रिक टन मशरूम का उत्पादन हुआ था ।