आसान नहीं होगा अब घर में कुत्ता पालना, पड़ोसी से लेना होगा परमिशन; पढ़े नई नियमावली

यदि आप कुत्ता पालने के शौकीन है तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। अगर आप भी अपने घर में एक कुत्ते को  रूप में नए सदस्य को लाना चाहते हैं, तो आपको अब अपने पड़ोसी से परमिशन लेने की आवश्यकता पड़ेगी। साथ ही कुत्ते पालने के संबंध में बनाए गए नए नियमों का पालन करना भी अति आवश्यक होगा।

जी हां ! कुत्ता पालने के लिए बनाए नए नियमों के अनुसार उत्तराखंड में अब कुत्ते के पंजीकरण के साथ-साथ अब आपको आसपास में रहने वाले पड़ोसियों की अनुमति की भी आवश्यकता होगी।

कुत्तों कापंजीकरण हुआ अनिवार्य

उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में व्यक्तियों के लिए अपने कुत्तों का पंजीकरण कराना अनिवार्य हो गया है। हालाँकि, उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर शहर में कुत्ते के मालिकों को और भी सख्त नियमों का पालन करना होगा।

कुत्ता पालने के लिए न केवल उन्हें अपने पड़ोसियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा, बल्कि कई अन्य नियमों का भी पालन करना होगा।

इसके अलावा, यदि पड़ोसी कुत्ते की उपस्थिति पर आपत्ति जताते हैं, तो उनके कुत्ते का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और नगर निगम अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना इसे नवीनीकृत नहीं करेगा।

ऐसे मामलों में निगम कुत्ते मालिकों पर निर्धारित जुर्माना भी लगाएगा. इसके अतिरिक्त, नगर निगम नए नियमों में एक प्रावधान शामिल करने पर विचार कर रहा है जिसके तहत कुत्ते के मालिकों को अपने पालतू जानवरों की देखभाल के लिए अपने घरों के चारों ओर आवश्यक दीवारें बनाने की अनिवार्य  होगी।

जानिए क्या है नए नियम

अगर आप कुत्ते पालने की शौकीन है तो आपको नगर निगम द्वारा बनाए गए इन नए नियमों का पालन करना आवश्यक है नहीं तो आपको काफी दिक्कतों का सामना कर सामना करना पड़ सकता है

1) कुत्ते के लिए लाइसेंस बनवाना अनिवार्य है जिसकी कीमत ₹500 होगी।

2) कुत्ते का रजिस्ट्रेशन (कुत्ते का लाइसेंस) हर साल रिन्यू कराना होगा, नहीं तो हर तीन महीने में 100 रुपये का जुर्माना लगेगा.

3) तीन महीने से अधिक उम्र के कुत्तों का छह महीने तक रजिस्ट्रेशन न कराने पर 700 रुपये का जुर्माना है.

4) रजिस्ट्रेशन के बाद नगर निगम द्वारा पालतू कुत्तों के गले में टोकन लटका दिया जाएगा, यदि गले में टोकन नहीं पाया गया तो नगर निगम कुत्तों को जब्त कर लेगा।

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