उत्तराखंड की प्रसिद्द सरोवर नगरी नैनीताल में बाइक टैक्सी संचालन में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए बड़ी खबर है। आपको बता दें हाई कोर्ट नैनीताल में टैक्सी बाइक की सेवाओं पर रोक लगा दी है। जिसके बाद टैक्सी बाइक संचालकों ने स्वेच्छा से माल रोड समेत शहर के विभिन्न इलाकों से अपने वाहन हटा लिए हैं।
इसके अलावा, संभागीय परिवहन अधिकारी ने इस घटनाक्रम के जवाब में तत्काल कार्रवाई की है।
गौरतलब है कि देश और राज्य के विभिन्न हिस्सों से नैनीताल आने वाले पर्यटक परंपरागत रूप से परिवहन के लिए टैक्सी बाइक पर निर्भर रहे हैं। हालांकि, सीओ विभा दीक्षित ने बताया कि लोगों से अपील की जाएगी कि वे टैक्सी बाइक का परिचालन न करें और अन्यथा पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब नैनीताल में दूसरे शहरों की बाइक, टैक्सी आदि के संचालन पर रोक लगा दी गई है। इसके अतिरिक्त, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 2017 के बाद नैनीताल में पंजीकृत टैक्सियों को भी नैनीताल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
गोवा की तर्ज पर शुरू हुई थी सेवा
वर्ष 2007-08 में तत्कालीन कुमाऊँ कमिश्नर एस. राजू के प्रयासों से गोवा की तरह ही एक टैक्सी बाइक परियोजना नैनीताल शहर में शुरू की गई थी। वर्तमान में सरोवर नगरी नैनीताल में संचालकों द्वारा लगभग 1000 मोटर बाइकें संचालित की जा रही हैं।
हालाँकि, उत्तराखंड उच्च न्यायालय के हालिया आदेशों के कारण, यह परियोजना अब पूरी तरह से बंद हो जाएगी। जिससे टैक्सी बाइक ऑपरेटर हीआजीविका पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और वह अब सेवाएं जारी नहीं रख पाएंगे।
चलाया गया चेकिंग अभियान
इसके अलावा उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में परिवहन विभाग ने सक्रियता दिखाते हुए गुरुवार को सघन निरीक्षण अभियान चलाया. परिणामस्वरूप, नियमों का उल्लंघन करने के लिए 39 व्यक्तियों पर जुर्माना लगाया गया।
विशेष रूप से, भवाली रोड, हलद्वानी रोड, कालाढूंगी रोड, मालरोड और सूखाताल जैसे विभिन्न स्थानों पर ड्राइवरों को कई उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था, जिसमें हेलमेट और सीट बेल्ट न पहनना, उचित परमिट के बिना संचालन करना और प्रतिबंधित टैक्सी बाइक का उपयोग करना शामिल था। इस व्यापक चेकिंग अभियान का उद्देश्य स्थापित नियमों और विनियमों का पालन सुनिश्चित करना है।