Kedarnath Facts in Hindi: केदारनाथ धाम उत्तराखण्ड के पवित्र देवस्थलों में से एक है । इसे चार धाम यात्रा में से सबसे महत्वपूर्ण धामों में से माना जाता है। आज हम आपको केदारनाथ धाम के बारे में कुछ ऐसे रोचक और अद्भुत तथ्यों के बारे में बता रहे हैं जिन्हे जानकार आप हैरान हो जायेंगे . तो आइये जानते क्या हैं वो अद्भुत बातें –
400 सालों तक बर्फ में दबा रहा केदारनाथ मंदिर
- यह मंदिर 400 वर्षों तक बर्फ के नीचे दबा हुआ पाया गया था, जिसकी पुष्टि वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, देहरादून ने एक तथ्यात्मक खोज के रूप में की है। उनकी शोध रिपोर्ट के अनुसार, 13वीं-14वीं शताब्दी में लघु हिमयुग के दौरान केदारनाथ मंदिर पूरी तरह से बर्फ से ढका हुआ था। यह निष्कर्ष वैज्ञानिकों द्वारा निकाला गया जिन्होंने मंदिर की संरचना के भीतर कई पीली रेखाएँ देखीं। kedarnath facts in hindi
यहाँ स्थित शिवलिंग है रहस्यमयी
- केदारनाथ में विराजमान शिवलिंग बहुत ही रहस्य्मयी और अद्भुत है . इसके दर्शन करते ही मन को एक अद्भुत शांति मिलती है । यह शिवलिंग त्रिकोण के आकार का है जिसको भगवान शिव के बैल रुपी अवतार के पीठ वाला हिस्से का अंश माना जाता है। आपको बता दें केदारनाथ में स्थित शिवलिंग प्राकृतिक है जो धरती से स्वं प्रकट हुआ है ।
- केदारनाथ मंदिर की बड़े-बड़े प्राकृतिक पत्थरों, शिलाखंडों , चट्टानों से बनाया गया है । और पत्थरों और इन शिलाखंडों को जोड़ने के लिए प्राचीन इटरलॉकिंग तकनीक का प्रयोग किया गया गया है।( Kedarnath Facts)
अद्भुत हैं इसकी संरचना
- केदारनाथ धाम समुंद्र तल से 22,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इतनी अधिक ऊंचाई इस विशाल शिलाखंडों को पहुचना और उनसे इंटरलॉकिंग तकनीक की सहायता से एक के ऊपर एक रखकर मंदिर का निर्माण इसे बहुत ही अद्भुत बनाता है
- जैसा की आपको ज्ञात ही होगा की केदारनाथ धाम भक्तों के लिए केवल 6 महीने के ही खुलता है। मंदिर के कपाट मई माह की अक्षय तृतीया के दिन खोले जाते है . और फिर 6 माह के बाद दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा पर इन्हे बंद कर दिया जाता है।
- ( Kedarnath Facts)
- कपाट बंद होने पर भगवान महादेव के प्रतीकात्मक स्वरुप को उखीमठ में स्थापित कर वहां उनका पूजन किया जाता है ।
- केदारनाथ धाम एक मात्र ऐसा देव स्थल है जिसे पंच केदार और 12 ज्योतिर्लिंग दोनों में स्थान प्राप्त है . केदारनाथ धाम को 12 ज्योतिर्लिंग में से सबसे उच्च स्थान प्राप्त है .
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अनंत है गर्भ गृह की अखंड ज्योत
- केदारनाथ धाम केगर्भग्रह में जलने वाली भी अखंड ज्योत बहुत ही अद्भुत है । कहा जाता है गोवधन पूजा के दिन जब मंदिर के कपाट बंद किये जाते हैं तो यहाँ पुजारियों के अखंड ज्योत जला कर ताला लगा दिया जाता है।
- फिर सर्दियों के बाद जब यह मंदिर दोबारा खोला जाता है तो यह अखंड ज्योत ऐसी ही जलती हुई पायी जाती है । और वहां ऐसा महसूर होता है जैसे किसी ने कल ही ही पूजा की है और साफ सफाई की है ।
- ( Kedarnath Facts)
- सबसे अनोखी बात तो यह है की 2013 की त्राशदी के बाद भी मंदिर का दीपक या अखंड ज्योत ऐसे ही जलती रही । इस पैर बहार के वातावरण का कुछ प्रभाव नहीं पड़ा ।
2013 आपदा केदारनाथ धाम के अतिरिक्त कुछ नहीं बचा
- आपको वर्ष 2013 में आयी प्राकृतिक आपदा के बारे में तो ज्ञात ही होगा इस भीषण आपदा में 10 हज़ार से ज्यादा लोगों के जा गयी थी थी लेकिन अचम्भे की बात यह थी केदारनाथ धाम जाने का मार्ग व अन्य स्थल पूरी तरह से तहस- नहस होने के बावजूद भी मंदिर को कोई भी हानि नहीं हुई।
- कहते हैं ऊपर से तेज़ बहाव में बाह कर एक विशाल काय चट्टान जिसे भीम शिला कहा जाता है , मंदिर के ठीक पीछे आकर रुक गयी जिसके वहज मदिर सुरक्षित बच गया . इस चमत्कार को पूरी दुनिया ने देखा .
- केदारनाथ धाम के बारे में एक और रोचक तथ्य है यहाँ के पुजारी । आपको बता दे सदियों पहले आदि शंकरचार्य ने इस केदारनाथ धाम का पुनः निर्माण करवाया था । आदि शंकराचार्य ने केदारनाथ धाम मंदिर की देखभाल और पूजा-अर्चना का कार्य कर्नाटक राज्य के वीरा शैव जंगम समुदाय के ब्राह्मणों को सौपा था ।
- तब से इसी समुदाय के पुजारियों द्वारा मंदिर धर्म अनुष्ठान व् पूजा अर्चना की जाती है । और सभी धार्मिक पठन – पाठन कन्नड़ भाषा में किया जाता है । kedarnath facts in hindi
भविष्य में लुप्त हो जाएगा केदारनाथ धाम
- वेद -पुराणों के अनुसार यह भविष्यवाणी की गयी है आगे आने वाले भविष्य में केदारनाथ धाम लुप्त हो जाएगा। पुराणों के अनुसार भगवान् नारायण द्वारा यहाँ के पहाड़ आपस में मिल जायगे जिसके कारन से इस क्षेत्र में स्थित सभी धाम लुप्त हो जायगे जिनमे से केदारनाथ धाम व बद्रीनाथ धाम मुख्य हैं।( Kedarnath Facts)
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