There will be no land registry or marriage registration fraud in Uttarakhand
|

उत्तराखंड में अब  नहीं चलेगी कोई भी धोखेबाजी, शादी से लेकर जमीन की खरीद तक सरकार ने बनाया यह सख्त नियम

उत्तराखंड सरकार,  उत्तराखंड में जमीन की खरीद-फरोख्त और शादी विवाह के मामले में धोखाधड़ी रोकने के लिए हरकत में आ गए हैं। आपको बता दें अब शादी या कोई भी जमीन खरीदने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा जिसका रिकॉर्ड डेटाबेस में सुरक्षित रखा जाएगा।

इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के माध्यम से शादी या जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर धोखाधड़ी करना नामुमकिन हो जाएगा। क्योंकि डेटाबेस में आधार कार्ड के साथ सारा रिकॉर्ड जोड़ा जाएगा और उसी के अनुसार पंजीकरण को प्रमाणित किया जाएगा।

गलत दस्तावेजों का प्रयोग पर सरकार को सख्त

गलत दस्तावेजों और गलत पहचान के साथ जमीन की रजिस्ट्री या विवाह पंजीकरण को रोकने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी की सरकार सख्त रुख अपना रही है। अपनी योजना के लिए किए गए उपायों में सभी दस्तावेजों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल पक्षों की प्रभावी ढंग से पहचान की जाएगी।

पंजीकरण  दस्तावेजों में शामिल पक्षों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए, पहचान और बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए एक नई प्रणाली लागू की गई है।

एक महीने के भीतर, राज्य पंजीकरण कार्यालयों को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के डेटाबेस से जोड़ा जाएगा, जिससे पूरे राज्य को कनेक्ट किया जाएगा।

बायोमेट्रिक होगा पूरा सिस्टम

रजिस्ट्री कार्यालय में बायोमेट्रिक मशीन पर अपने अंगूठे का निशान लगाने पर, भूमि रजिस्ट्री या विवाह पंजीकरण कराने वाले व्यक्तियों का पूर्व में किया गया सभी प्रकार का आदान प्रदान किया पंजीकरण सामने आ जाएगा। जिससे किसी भी फर्जीवाड़े की गुंजाइश नहीं होगी।

image credit : policy bazaar

उत्तराखंड में आधार प्रमाणीकरण सेवा को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, उत्तराखंड ( (रजिस्ट्रीकरण योग्य दस्तावेजों के लिए पक्षकारों की पहचान /बायोमीट्रिक सत्यापन) ) नियम लागू किए गए हैं । केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद, पंजीकरण महानिरीक्षक डॉ. अहमद इकबाल ने आधिकारिक तौर पर नए नियमों के कार्यान्वयन की घोषणा की।

पूर्व में था प्रमाणिकता का अभाव

इससे पहले, पंजीकरण प्रक्रिया में कई खामियां थीं, खासकर आधार कार्ड के सत्यापन को लेकर। हालाँकि आधार कार्ड की सत्यापित प्रति की आवश्यकता थी, लेकिन इसकी प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए कोई स्थापित तंत्र नहीं था।

पंजीकरण-मुख्यालय अतुल शर्मा ने जानकारी देकर बताया कि केंद्र सरकार ने अब राज्य को आधार प्रमाणीकरण सुविधा का उपयोग करने का अधिकार दिया है।

आधार कार्ड प्रमाणीकरण होगा अनिवार्य

सरकार ने अधिसूचना के जरिये इसे लागू भी कर दिया है. अब यूआईडीएआई के साथ मिलकर यह व्यवस्था लागू की जाएगी। विभागीय बायोमेट्रिक मशीन सीधे यूआईडीएआई डेटाबेस से जुड़ी होगी। इससे रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से दोनों पक्षों के प्रामाणिक सत्यापन की सुविधा मिलेगी।

जांच की प्रक्रिया होगी आसान

पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान, इसमें शामिल व्यक्ति को आधार सत्यापन के लिए लिखित या इलेक्ट्रॉनिक सहमति प्रदान करना आवश्यक है।

12 अंकों का आधार नंबर, फिंगरप्रिंट स्कैन या आईरिस के साथ, नामांकन सॉफ्टवेयर का उपयोग करके यूआईडीएआई प्रणाली में दर्ज किया जाएगा।

आधार कार्ड नंबर दर्ज होने के बाद यह सिस्टम फिंगरप्रिंट परीक्षण कर व्यक्ति की पहचान ठीक-ठीक बताएगा इसके बाद, यूआईडीएआई प्रणाली व्यक्ति का रिकॉर्ड प्रदान करेगी। इस सत्यापन प्रक्रिया को एक अलग लेनदेन कोड के साथ सुरक्षित किया जाएगा।

Similar Posts