High court came in favor of dumb animals
|

चार धाम यात्रा के दौरान बेजुबान घोड़े-खच्चरों को मिली राहत,  हाई कोर्ट ने घोड़े-खच्चरों के उपयोग के लिए बनाये  नए नियम

 

उत्तराखंड की चार धाम यात्रा देश की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा मानी जाती है। हर वर्ष करोड़ों की संख्या में लोग इस यात्रा में हिस्सा लेते हैं और केदारनाथ बद्रीनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री में अपनी हाजिरी लगाते हैं।

परंतु यह भी सत्य है कि हर वर्ष आस्था का प्रतीक माने जाने वाले इस यात्रा काफी बड़ी संख्या में घोड़े-खच्चरों  अत्याधिक काम करने, ठंड के कारण व पूरी तरह से देखभाल ना मिलने की वजह से मृत्यु हो जाती है।

हाईकोर्ट में सुनी घोड़े-खच्चरों की आवाज

इसी मामले का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट ने चार धाम यात्रा में घोड़े-खच्चरों के लिए नए नियम बनाए हैं।  जिसके अंतर्गत यमुनोत्री और केदारनाथ यात्रा मार्गों पर घोड़ों और खच्चरों को अब पीने के लिए गर्म पानी उपलब्ध कराया जाएगा और रात में आराम करने का अवसर दिया जाएगा।

साथ ही उनकी सफाई के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल किया जाएगा और उनकी सेहत का भी अच्छे से ख्याल रखा जाएगा। यमुनोत्री और केदारनाथ यात्रा मार्गों पर घोड़ों और खच्चरों को अब पीने और रात में आराम के लिए गर्म पानी उपलब्ध कराया जाएगा।

साथ ही इनकी सफाई के लिए गर्म पानी का ही इस्तेमाल किया जाएगा. उनकी भलाई और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाएगी। उच्च न्यायालय में चर्चा के बाद राज्य सरकार इन उपायों को लागू करने के लिए सहमत हो गई है।

दो पैरों पर करें आस्था की यात्रा

गुरुवार को जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने चारधाम यात्रा मार्ग पर अराजक स्थितियों और खच्चरों से जुड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को लेकर उठाई गई चिंताओं पर ध्यान से विचार किया।

अदालत ने सरकार और याचिकाकर्ताओं से अनुरोध किया है कि वे याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों को  सहमति से हल करने के लिए एक समझौता ज्ञापन प्रस्तुत करें। सुनवाई के दौरान सचिव पशुपालन और डीएम रुद्रप्रयाग समेत कई अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए और कोर्ट को बताया कि विभिन्न मामलों पर सहमति बन गई है.

हालाँकि, यात्रा मार्ग पर यात्रियों की क्षमता और संख्या निर्धारित करने जैसे कुछ बिंदुओं पर अभी भी असहमति है। इस मामले में, प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता गौरी मौलेखी और अजय गौतम ने यात्रा मार्ग पर अव्यवस्था को लेकर जनहित याचिका दायर की है, जिसमें केदारनाथ यात्रा के दौरान 600 से अधिक खच्चरों की मृत्यु भी शामिल है।

यह है नए नियम

  • यात्रा के दौरान रात के समय घोड़े और खच्चरों का प्रयोग नहीं किया जाता।
  • खच्चरों पर उनकी क्षमता के अनुसार सामान नहीं याद आ जाएगा।
  • घोड़े और खच्चर दिन में केवल एक बार ही यात्रा का चक्कर लगाएंगे ।
  • यात्रा से पहले उनका घोड़े-खच्चरों का मेडिकल टेस्ट होगा.
  • यात्रा के दौरान हर समय घोड़े-खच्चरों के साथ  गर्म पानी की व्यवस्था होनी चाहिए.
  • पशु चिकित्सा स्टाफ उपलब्ध कराया जाएगा।

 

Similar Posts