उत्तराखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र से एक सुखद खबर है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला उत्तराखंड पहला प्रदेश है। उत्तराखंड के हर जिले में दो मॉडल कॉलेज खुलेंगे। शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिलों में मॉडल कॉलेज बनाने का प्लान तैयार किया जा रहा है।
उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली का कहना है कि इसके लिए खाका तैयार किया जा रहा है। इन कॉलेजों में पाठ्यक्रम भी बेहद खास रहने वाला है। रामचरितमानस, ट्रेडिशनल नॉलेज, वैदिक साइंस और वैदिक गणित जैसे कोर्स भी रखे गये हैं।
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नई नीति में मनपसंद विषय पढ़ने का मिलेगा मौका
प्रो.एनके जोशी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्र-छात्राओं को च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम का लाभ मिलेगा। इससे छात्र अपने मनपसंद विषय और विश्वविद्यालय चुन सकेंगे।
मॉडल कॉलेज में नए पाठ्यक्रम रिसर्च, इनोवेशन और इंटरप्रेन्योरशिप बेस्ड होंगे। इसमें रोबोटिक्स जैसे एडवांस कोर्स रखे गये हैं।
को-कैरिकुलम कोर्स के 6 सेमेस्टरों के हर सेमेस्टर में कम्युनिकेशन स्किल, भारतीय ज्ञान परंपरा, मैनेजमेंट पैराडाइज ऑफ भगवत गीता, इन्वायरमेंट, योगा, विवेकानंद स्टडीज, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट, रामचरितमानस, ट्रेडिशनल नॉलेज, वैदिक साइंस और वैदिक गणित जैसे कोर्स भी रखे गये हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पाठ्यक्रम कई दौर की बैठकों और पब्लिक डोमेन से मिले सुझावों के बाद तैयार किया गया है।
हर जिले में खोले जायेगे दो मॉडल कॉलेज
उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली ने इस बारे में जानकारी दी। उनके मुताबिक इसके लिए शुरूआती अध्ययन कर लिया गया है। उत्तराखंड में अभी 12 राज्य विश्वविद्यालय, 119 सरकारी और 21 अशासकीय कॉलेज हैं।
सरकार की योजना है कि हर जिले में इनमें से एक या दो कॉलेज को मॉडल कॉलेज बनाया जाए।
विभाग के स्तर पर हर जिले में मॉडल कॉलेज बनाने पर काम किया जा रहा है। उधर कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति एवं पाठ्यक्रम निर्धारण समिति के अध्यक्ष प्रो.एनके जोशी के मुताबिक एनईपी को लेकर विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं।
निर्देश में कहा गया है कि इसके लिए विश्वविद्यालय में विभिन सेल गठित किए जाएंगे।