उत्तराखंड के इस युवा भांग की खेती का आइडिया हिट, विदेशों से भी आ रही है डिमांड
|

उत्तराखंड के इस युवा भांग की खेती का आइडिया हिट, विदेशों से भी आ रही है डिमांड

उत्तराखंड के युवा स्वरोजगार के नए नए अवसर तलाश कर उसमे अपने मेहनत के दम पर सफलता प्राप्त कर रहे हैं। इन्ही प्रतिभाशाली और महत्वकांक्षी युवाओं में से एक हैं अल्मोड़ा  उत्तराखंड के रहने वाले पवित्र जोशी ।  भांग की खेती से स्वरोजगार की मिसाल कायम की है।

उत्तराखंड के पवित्र जोशी ने अपने इस बिज़नेस मॉडल है में अपने साथ कई किसानों को अपने साथ जोड़ा है जिससे वे कई लोगों को रोजगार  का अवसर दे रहे हैं । अब उत्तराखंड में उगने वाला भांग देश  विदेश में एक अलग पहचान बना रहा है।

Team | Kumaon Khand

आप यह जानकर अचंभित रह जाएंगे कि उत्तराखंड में उगने वाली भांग की वैश्विक स्तर पर खूब डिमांड है और इसका इस्तेमाल कई प्रॉडक्ट्स बनाने में होता है।

भांग की खेती hemp cultivation

फैशन कैटेगरी में भांग से बनी चीजें जैसे टी-शर्ट और मास्क शामिल हैं। ये उत्पाद भांग के पौधे से रेशे निकालकर उससे धागा बनाकर बनाए जाते हैं।

भांग की खेती hemp cultivation

 ‘कुमाऊँ खंड’ नाम से शुरू किया स्टार्टअप

अल्मोड़ा, उत्तराखंड के रहने वाले पवित्र जोशी की जिन्होंने यह साबित कर दिखाया है कि भांग केवल खाने के लिए इस्तेमाल नहीं की जाती। उन्होंने भांग को लेकर पैदा हुई भ्रांति को तोड़ने का काम किया जो कि सराहनीय है। उनके स्टार्टअप ‘कुमाऊँ खंड’ भांग के कई प्रॉडक्ट्स तैयार करता है।

 

No photo description available.

उनका यह सोशल बिज़नेस मॉडल धूम मचा रहा है और पवित्र जोशी के बिजनेस मॉडल को लोगों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है। न केवल में उत्तराखंड के लोकल प्रोडक्ट को वैश्विक स्तर पर एक अनोखी पहचान दे रहे हैं उसी के साथ में उत्तराखंड के नाम को भी रोशन कर रहे हैं और अपने स्वरोजगार से कई लोगों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं।

 

भांग की खेती hemp cultivation

पवित्र जोशी ने टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, मुंबई से सामाजिक उद्यमिता में पीएचडी की है। पवित्र बताते  हैं कि पहाड़ों से होने के कारण वह उत्तराखंड के लिए कुछ अलग करना चाहते थे । वह कुछ ऐसा करना चाहते थे जिससे पहाड़ में रहने वालों की जीवनशैली बदल जाए और रोजगार के अवसर पैदा हों।

No photo description available.

25 हजार से भी ज्यादा प्रॉडक्ट्स

पवित्र बताते हैं  कि भांग का पौधा 14 से 20 फीट की ऊंचाई तक पहुंचता है। इसकी तुलना बाँस के पौधे से की जा सकती है। जिस तरह बांस से कई उत्पाद बनाए जाते हैं, उसी तरह भांग से 25,000 से ज्यादा उत्पाद बनाए जा सकते हैं।

Thailand gave legal permission for cultivation of marijuana | इस देश में  भांग की खेती करना हुआ लीगल, जानिए वजह और नियम | Hindi News, ग्लोबल नजरिया

पिथौरागढ़, बागेश्वर और अल्मोड़ा जिलों के 300 से अधिक किसान उनके स्टार्टअप कुमाऊं खंड से जुड़े हैं। वे उनसे भांग के उत्पाद खरीदते हैं।

भांग की खेती hemp cultivation

 

इसके अलावा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा और नैनीताल से 10 स्वयं सहायता समूह भी उनके साथ जुड़े हुए हैं। उत्तराखंड में भांग को एक इंटरनेशनल प्रोडक्ट बनाने की अपार संभावनाएं इसलिए भी हैं क्योंकि यहां पर सरकार ने भांग की खेती को वैध कर रखा है।

May be an image of 12 people, people standing, outdoors and text

2018 में उत्तराखंड सरकार ने लोगों को भांग उगाने की अनुमति दी थी। तब से, यह एक नियंत्रित और विनियमित तरीके से किया गया है। उत्तराखंड खुद औद्योगिक भांग की खेती को बिजनेस मॉडल के तौर पर बढ़ावा दे रहा है।

 

Similar Posts