Uttarakhand Now narcotics will be taught in school

धुएं में नहीं उड़ने देंगे उत्तराखंड ; अब स्कूल में होगी नारकोटिक्स की पढ़ाई , 2025 तक होंगे ड्रग्स फ्री

देश के बड़े-बड़े महानगरों के बाद अब उत्तराखंड में भी नशे व मादक पदार्थों का पदार्थों के सेवन का जाल फैलता जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार अब नशा उन्मूलन के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के मूड में दिखाई दे रही है ।

अब तक, उत्तराखंड में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत 586 मामलों में कुल 742 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।

एनसीईआरटी को एक प्रस्ताव विधिवत भेजा गया है, जिसमें जागरूकता बढ़ाने और नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से छठी से बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में नारकोटिक्स दवाओं के विषय को शामिल करने का सुझाव दिया गया है।

Uttarakhand Rapid Task Force Will Be Formed To Make Drugs Free CM Pushkar  Singh Dhami Announcement ANN | Uttarakhand News: उत्तराखंड को ड्रग्स मुक्त  बनाने के लिए सरकार की बड़ी पहल, सीएम

एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की हुई स्थापना

सरकार नशा मुक्ति के खिलाफ प्रयास में अपनी प्रतिबद्धता और त्वरित कार्रवाई  करते हुए, 2025 तक उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाने के लक्ष्य की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल मीटिंग के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से यह जानकारी साझा की. सोमवार को हुई बैठक में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल, उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री शामिल हुए। बैठक का मुख्य एजेंडा मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा करना था।

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उत्तराखंड के संबंध में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में 2022 में नशीली दवाओं से संबंधित समस्याओं को रोकने के उद्देश्य से त्रिस्तरीय एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स की स्थापना की गई है।

2025 तक नशा मुक्त होगा उत्तराखंड

राज्य सरकार द्वारा मानसिक स्वास्थ्य नियमावली को मंजूरी दे दी गई है। नशे की लत को रोकने, नशा करने वालों को समाज में एकीकृत करने और पुनर्वास प्रदान करने के उद्देश्य से सभी जिलों में प्रभावी नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने के प्रयास चल रहे हैं।

राज्य की जेलों में कैदियों को नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिए विशेष परामर्श और सेमिनार भी आयोजित किए जा रहे हैं। शाह के समक्ष मुख्यमंत्री ने 2025 तक नशामुक्त उत्तराखंड का लक्ष्य भी बताया है।

युवाओं में फैलाई जा रही है जागरूकता

सीएम ने उल्लेख किया कि जनता, विशेषकर युवाओं में नशीली दवाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

सभी जिलों में प्रभावी नशा मुक्ति केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं। राज्य में वर्तमान में नशा ग्रस्त लोगों के लिए के लिए चार एकीकृत पुनर्वास केंद्र हैं। इसके अतिरिक्त, एम्स नई दिल्ली के सहयोग से एक लत उपचार सुविधा शुरू की गई है। एम्स ऋषिकेश ने भी ऐसे मामलों के लिए 10 बेड आवंटित किए हैं। उत्तरकाशी, चंपावत, अल्मोड़ा और श्रीनगर में एटीएफ के संचालन को मंजूरी मिल गई है।

उठाए गए हैं यह कदम

सभी क्षेत्रों में संचालित शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों की भागीदारी से नशा विरोधी क्लबों का गठन बनाए गए । साथ ही विश्व नशा विरोधी दिवस पर 25 हजार युवाओं को ” ’एंटी ड्रग्स ई-शपथ’ ” दिलाई गई। इसके अतिरिक्त हर समय जनता की सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.

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