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झीलों के नगरी नैनीताल के करीब ही हैं ये 5 दिलकश खूबसूरत डेस्टिनेशन, जहां के नजारे देख कर आप हार बैठेंगे अपना दिल

झीलों के शहर के नाम से प्रसिद्ध नैनीताल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं की नैनीताल के आसपास भी कई खूबसूरत स्थान हैं। बनाएं अपनी छुटियाँ यादगार, नैनीताल के पास ये 5 जगह कर देंगी मंत्रमुग्ध।

इन जगहों पर आकर आप प्रकृति की गोद में आराम कर ख़ुशी, सुकून और थकान दूर कर सकते हैं, अपनी छुट्टियों को अपनों के साथ यादगार बना सकते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य के धन्नी ऐसे 5 स्थानों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है जो नैनीताल के निकट हैं –

1. भीमताल – 

भीमताल एक नगर पंचायत है, जो उत्तराखंड, भारत के नैनीताल जिले में स्थित है, और नैनीताल शहर से 22 किमी की दूरी पर और यह समुंदर स्तर से 1370 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।

भीमताल का प्रमुख आकर्षण भीमताल झील है। इस झील के मध्य स्थित एक छोटे से द्वीप के कारण यह झील और भी सुन्दर लगती है।

घूमने के लोकप्रिय स्थान –

  • भीमताल में घूमने के लिए कुछ लोकप्रिय स्थानों में भीमताल झील, भीमताल द्वीप, भीमेश्वर महादेव मंदिर, विक्टोरिया बांध, हिडिम्बा पर्वत, वनखण्डी आश्रम, नाल दमयंती ताल, और सय्यद बाबा की मजार, लोक संस्कृति संग्रहालय।
  • भारत में खगोलपर्वणता (Astrotourism) को बढ़ावा देने के लिए सरकार “वायब्रेंट ग्राम” कार्यक्रम के तहत यहां एक ग्रहणशाला स्थापित कर रही है।

भीमताल से जुडी रोचक बातें –

भीमताल एक प्राचीन स्थल है, मान्यता है की इसका नाम महाभारत के भीम के नाम पर रखा गया है क्यूंकि भीम ने भूमि खोदकर इस ताल का निर्माण किया था इसलिए इससे भीमताल कहा जाता है । भीमेश्वर महादेव मंदिर, जो भीमताल झील के किनारे पर स्थित है, माना जाता है की पांडवों के वनवास के समय जब भीम यहाँ आये थे तब यह मंदिर बनवाया गया था।

भीमताल का मुख्य आकर्षण भीमताल झील है, जिसमें एक द्वीप है और यह झील दर्शनीय है। भीमताल के पास ही गर्गी नदी की एक स्रोत है, जिसे इस क्षेत्र में गोला नदी के नाम से जाना जाता है और यह गर्ग पर्वत या गांगर गांव से आता है, नैनीताल जिले में।

भीमताल से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर नाल दमयंती ताल है, जो एक छोटी सी प्राकृतिक झील है। माना जाता है कि प्रसिद्ध राजा नल के महल का डूब जाना इस झील में हुआ था। यह जगह क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत पवित्र है।

कैसा रहता है मौसम का मिज़ाज़ यहाँ ?

भीमताल का जलवायु गर्मियों के दौरान सुहावना और स्वस्थ होता है, लेकिन सर्दियों में बहुत ठंडा होता है। गर्मियों में तापमान 15 °सेल्सियस डिग्री से 29 °सेल्सियस डिग्री के बीच होता है, जबकि सर्दियों में तापमान 4 °सेल्सियस डिग्री से 18 °सेल्सियस डिग्री तक होता है।

भीमताल कैसे पहुंचे:

भीमताल पहुँचने के लिए कई तरह के विकल्प उपलब्ध हैं। आप सड़क, रेल, या हवाई मार्ग से भीमताल पहुँच सकते हैं।

सड़क मार्ग से:

भीमताल सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप दिल्ली, देहरादून, या किसी अन्य प्रमुख शहर से बस या टैक्सी से भीमताल पहुँच सकते हैं।

रेल मार्ग से:

भीमताल निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम से लगभग 60 किलोमीटर दूर है। काठगोदाम से भीमताल के लिए नियमित बस सेवा उपलब्ध है।

हवाई मार्ग से:

सबसे निकट हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है जिसकी दुरी भीमताल से करीब 58 km है  जहाँ से भीमताल के लिए नियमित टैक्सी और बस सेवा उपलब्ध है।

2. खुर्पाताल-

उत्तरााखंड के नैनीताल में स्थित है देश की एक अद्वितीय झील खुर्पाताल झील जो अपने रंग बदलने की अनोखी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है। यह झील समुद्र तल से 1,000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है और सुरम्य पहाड़ों और घने देवदार के पेड़ों से घिरी हुई है।

नैनीताल का गहना: खुरपाताल

उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित खुरपाताल झील एक खास आकर्षण है। यह झील नैनीताल हिल स्टेशन से सिर्फ 12 किलोमीटर की दूरी पर है। नैनीताल में भीमताल, सातताल, नौकुचियाताल और कमल ताल जैसी कई और खूबसूरत झीलें हैं, लेकिन खुरपाताल झील इसकी अलग पहचान है। इस झील का पानी हरे, लाल, नीले, और अन्य रंगों में दिखाई देता है, जिससे यहां के पर्यटकों को एक अनोखा दृश्य प्रस्तुत करता है।

रंग बदलने का रहस्य

खुरपाताल झील की यह अनूठी विशेषता है कि इसका पानी बदलते रंगों में निहित होता है। कभी यह हरा, कभी नीला, तो कभी लाल दिखाई देता है। इसकी यह अनोखी विशेषता ही इसे दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करती है।

 

स्थानीय मान्यताओं के मुताबिक़, खुर्पाताल झील विभिन्न प्रकार की शैवाल प्रजातियों का घर है। जैसे ही ये शैवाल खिलते हैं और बीज पैदा करते हैं, झील के पानी का रंग बदल जाता है। झील के विभिन्न रंगों को कारण यह अद्वितीय प्राकृतिक प्रक्रिया मानी जाती है।

झील का रंग लाल, नीला, हरा, और यहां तक ​​कि काला भी हो सकता है।

एक अन्य कारण यह भी हो सकता है कि झील की गहराई अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होती है। झील के गहरे हिस्सों में अधिक प्रकाश प्रवेश नहीं करता है, जिससे पानी का रंग गहरा हो जाता है। जब शैवाल खिलती हैं, तो वे पानी को अधिक पारदर्शी बना देती हैं, जिससे झील का रंग हल्का हो जाता है।

खुर्पाताल झील पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। पर्यटक झील के मनोरम दृश्यों के अलावा, आसपास के क्षेत्रों में सीढ़ीदार खेतों और घने जंगलों के सुंदर दृश्यों का भी आनंद ले सकते हैं।

कुछ अतिरिक्त जानकारी:

  • खुर्पाताल झील की गहराई लगभग 30 मीटर है।
  • झील के पास एक मंदिर है, जहां भगवान शिव की पूजा की जाती है।
  • झील के आसपास कई वन्यजीव पाए जाते हैं, जैसे हिरण, तेंदुआ, भालू आदि।

पर्यटकों के लिए खजाना

खुरपाताल झील के अलावा, यहां के पास घाने जंगल और शांत जलवायु है, जिससे यह एक आदर्श पर्यटन स्थल बनता है। अगर आपको शांति, सौंदर्य, और रोमांच का अद्भुत मिश्रण चाहिए, तो खुरपाताल झील आपके लिए सही जगह है।

इस रंगीन झील के आसपास के खूबसूरत दृश्यों का आनंद लें और इसके मानसूनी रंगों का आनंद उठाएं।

 अगर आप उत्तराखंड में नैनीताल की यात्रा पर हैं, तो खुर्पाताल झील को जरूर देखें।

3. मुक्तेश्वर: एक प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पहाड़ी गांव

मुक्तेश्वर, उत्तराखंड: मुक्तेश्वर कुमाऊँ की पहाडियों में 2286 मीटर (7500 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है और हिमालय की चोटियों का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।यहाँ से नंदा देवी, त्रिशूल, और अन्य हिमालय पर्वतों की चोटियाँ दिखती हैं।

हिमालय की चोटियों के पीछे से सूर्य उदय का नज़ारा मुक्तेश्वर की सुंदरता को अद्वितीय बना देता है।

मुक्तेश्वर महादेव मंदिर:

यहाँ एक पहाड़ी के ऊपर शिवजी का मन्दिर है जो की २३१५ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह मंदिर ‘मुक्तेश्वर मंदिर’ के नाम से प्रसिद्ध है और इसके पहुंचने के लिए लगभग 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।

चौली की जाली:

चौली की जाली मुक्तेश्वर मंदिर के पास स्थित है और यह एक प्राकृतिक सौंदर्य स्थल है जो चट्टानों में बसा हुआ है। इसे ‘चौथी की जाली’ भी कहते हैं और यहाँ के दर्शन, फोटोग्राफी, रैपलिंग, और रॉक क्लाइंबिंग के शौकीनों के लिए आकर्षक हैं।

यह मुक्तेश्वर मंदिर से 250 मीटर की दूरी पर स्थित है। ‘चौली’ का अर्थ होता है चट्टान और ‘जाली’ का अर्थ है छेद।

ऐसी मान्यता है की शिवरात्रि के दिन शादीशुदा महिलाएं, संतान प्राप्ति के लिए अपनी कामना के साथ चट्टान पर बने इस प्राकृतिक छिद्र को पार करती है।

आवागमन: मुक्तेश्वर तक पहुंचने के लिए दिल्ली से काठगोदाम तक ट्रेन सेवाएँ हैं, फिर काठगोदाम से बस या टैक्सी से 73 किलोमीटर का सफर किया जा सकता है। वायुमार्ग से आने वालों के लिए पंतनगर हवाई अड्डा सड़क मार्ग से 100 किलोमीटर की दूरी पर है।

धानाचुली: प्राकृतिक सौंदर्य और पारंपरिक संस्कृति का आलंब मुक्तेश्वर के पास ही स्थित धानाचुली एक छोटा सा गांव है जो कि प्राकृतिक सौंदर्य और पारंपरिक रीति-रिवाजों के लिए मशहूर है।

ब्रह्मेश्वर मंदिर: इस मंदिर में हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और यहाँ पर हरिद्वार या रिशिकेश जाने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।

मुक्तेश्वर और इसके आस-पास के सौंदर्य स्थलों का दर्शन करके, आप यहाँ के प्राकृतिक और आध्यात्मिक आत्मा का आनंद उठा सकते हैं।

मुक्तेश्वर जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और अक्टूबर से नवंबर तक है। मुक्तेश्वर में रहने और खाने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं।

मुक्तेश्वर के आस-पास घूमने के लिए कई स्थान हैं, जिनमें अल्मोड़ा, बिन्सर और नैनीताल शामिल हैं।

मुक्तेश्वर एक ऐसी जगह है जो प्रकृति प्रेमियों और धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वालों के लिए एकदम सही है। यहाँ आकर आप प्रकृति की सुंदरता का आनंद उठा सकते हैं और अपनी आध्यात्मिक यात्रा को भी आगे बढ़ा सकते हैं।

4. सातताल: एक प्राकृतिक जवाहर

सातताल, नैनीताल से करीब 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यहाँ पहुंचने के लिए घने जंगलों से होकर गुजरना पड़ता है। इन जंगलों के बीच में इसकी खासियत है – सात ताल (7 ताल) जो कि एक प्राकृतिक जवाहर के समान है। इसी वजह से इसका नाम सातताल पड़ा।

जिनके नाम राम ताल, सीता ताल, लक्ष्मण ताल, हनुमान ताल, सूखा ताल, नल दमयंती ताल और गरुड़ ताल हैं। यहाँ कयाकिंग, वाटर जंपिंग और अन्य जल गतिविधियाँ लोगों को रोमांचित करती हैं। यह झील उत्तराखंड के मनोहारी दृश्यों में से एक है।

पहुंच का मार्ग: सातताल तक पहुँचने के लिए भीमताल से ही मुख्य मार्ग है, और भीमताल से ‘सातताल’ की दूरी केवल 4 किमी है। आजकल, एक और मार्ग माहरा गाँव से भी आने लगा है, जिससे सातताल केवल 7 किमी की दूरी पर है।

नौका-विहार का आनंद: इस ताल में नौका-विहार करने वालों के लिए विशेष सुविधाएँ प्रदान की गई हैं, और यह ताल पर्यटन विभाग की ओर से प्रमुख सैलानी क्षेत्र घोषित किया गया है।

बर्ड वाचिंग: अगर आप फिशिंग और बर्ड वाचिंग के शकीन हैं तो यहाँ आप मछली पकड़ने से लेके तितलियों की 525 से अधिक प्रजातियों और  प्रवासी पक्षियों को देखने का आनंद भी उठा सकते हैं।

सातताल झील पर बनाए गए सुंदर सुंदर पुल और सीढ़ियों के बदले सचमुच यहाँ का भव्य सौंदर्य बन गया है। यहाँ के प्राकृतिक खेलों का आनंद लें और इस अद्वितीय स्थल के सौंदर्य का आनंद उठाएं।

5. हरतोला- हिमालय की गोद में छिपा एक स्वर्ग

बुरांश और देवदार के जंगलों से घिरा बेहद ही खूबसूरत गांव हरतोला अपने सेब के बगीचों के लिए प्रसिद्ध है। यह नैनीताल से 50 किमी दूर स्थित है और त्रिशूल, नंदा देवी और नंदाकोट पर्वत श्रृंखलाओं के दृश्य प्रस्तुत करता है।

हरतोला का नाम दो हिन्दी शब्दों, ‘हर’ और ‘तोला,’ से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है ‘वह स्थान जहां भगवान शिव निवास करते हैं’। यह स्थल आसानी से पहुंचने के लिए अधिकांश लोगों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है, लेकिन यहां की आपवाद-रहित शांति का आनंद लेने वालों के लिए यह स्वर्ग है।

स्थानीय दृश्य, ध्वनियाँ और लोग मेट्रो शहरों में जीवन में जो कुछ भी छूट जाता है उसकी भरपाई कर देते हैं।

हरतोला एक जैविक फल बेल्ट है, जहाँ सेब, बेर, अखरोट, खुबानी और आड़ू के पेड़ों के साथ-साथ स्ट्रॉबेरी के पेड़ उगाए जाते हैं। हरतोला की प्राकृतिक सुंदरता और स्वस्थ वातावरण इसे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बना रहा है।

अतिरिक्त जानकारी:

  • हरतोला जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और अक्टूबर से नवंबर तक है।
  • हरतोला के आस-पास घूमने के लिए कई स्थान हैं, जिनमें ट्रेकिंग, कैम्पिंग और हाइकिंग शामिल हैं।

हरतोला: कैसे पहुंचें

रेलवे द्वारा:

हरतोला का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो लगभग 72 किमी दूर है। काठगोदाम से, आप बस या टैक्सी से हरतोला जा सकते हैं।

हवाई मार्ग से:

हरतोला का निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है। यहाँ से आप टैक्सी ले सकते हैं।

सड़क मार्ग से:

दिल्ली से, आप NH24 पर मोरादाबाद, रामपुर, रुद्रपुर, हलद्वानी, काठगोदाम, भीमताल और रामगढ़ होते हुए हरतोला जा सकते हैं।

नैनीताल के आसपास के ये 5 स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए शांति और प्राकृतिक खूबसूरती से वापस खुद को ऊर्जा से भरने के लिए एकदम उपयुक्त  स्थान  हैं। इन स्थानों पर आप शांति और सुकून का अनुभव कर सकते हैं और अपनी छुट्टियों को यादगार बना सकते हैं।

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