Construction of ghat on the banks of Yamuna in Haripur with seven crore rupees (1)
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हरिद्वार की हरकी पैड़ी की तर्ज पर निखरेगा उत्तराखंड का यह यमुना तट, 7 करोड़ की लागत से किया जाएगा सौंदर्यकरण

उत्तराखंड में इन दिनों पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पुरजोर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में हरिद्वार में हरकी पैड़ी और ऋषिकेश में गंगा आरती के नक्शेकदम पर चलते हुए धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कालसी में जल्द ही यमुना घाट का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। और माता गंगा की भव्य आरती शुरू होगी।

सरकार के नमामि गंगे योजना के तहत देहरादून के हरिपुर कालसी में स्थित यमुना घाट का भव्य सौंदर्यीकरण किया जाएगा इस परियोजना की लागत लगभग 7 करोड़ आएगी।

मुख्यमंत्री शीघ्र कर सकते हैं शिलान्यास

नमामि गंगे के प्रस्ताव के अनुरूप एमडीडीए ने पूरी लगन से प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कर ली है. निकट भविष्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसके शिलान्यास समारोह की गरिमामयी शुरुआत करेंगे।

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण वर्तमान में देहरादून में नए पर्यटन केंद्रों के विकास में लगा हुआ है। इस प्रयास के हिस्से के रूप में, वे सक्रिय रूप से धार्मिक पर्यटन की संभावनाएं तलाश रहे हैं। प्राधिकरण ने सोच-समझकर कालसी में यमुना के सुरम्य तट पर एक नया धार्मिक पर्यटन केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है।

170 मीटर लंबे घाट का होगा निर्माण

कालसी के हरिपुर में यमुना नदी के दाहिने किनारे पर 170 मीटर लंबा घाट बनाया जाएगा। इसकी चौड़ाई 15 मीटर होगी. 23 जुलाई को नमामि गंगे परियोजना से प्रस्ताव मिलने के एक महीने के भीतर प्राधिकरण ने तुरंत परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। परियोजना की अनुमानित लागत 7 करोड़ 52 लाख रुपये है।

पर्यटकों को दी जाएंगी सारी सुविधाएं

घाट के विकास में स्थानीय पर्यटन के साथ-साथ भव्य आरती स्थल निर्माण को भी प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, यमुना घाट के आसपास पर्यटकों के लिए विभिन्न सुविधाएं स्थापित की जाएंगी। इन सुविधाओं में पार्किंग स्थान, बैठने की जगह और आगंतुकों के लिए आवास शामिल होंगे।

माहौल को बेहतर बनाने के लिए पूरे घाट को सोलर लाइट से रोशन किया जाएगा। इस परियोजना के 12 महीने की समय सीमा के भीतर पूरा होने की उम्मीद है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह पहल यमुना नदी के संरक्षण प्रयासों के साथ भी जुड़ी हुई है। एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि घाट का स्वरूप निखारने के प्रयास किए जाएंगे।

हरिद्वार ऋषिकेश की भांति आयोजित होगी भव्य आरती

हरिद्वार और ऋषिकेश की परंपराओं के अनुसार यमुना घाट पर यमुना आरती करने की नियमित व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, धार्मिक आयोजनों का आयोजन किया जाएगा और समय-समय पर मेलों का भी आयोजन किया जाएगा। स्थानीय अधिकारियों और घाट संचालन समिति के सहयोग से समग्र व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया जाएगा।

ऐतिहासिक स्थलों को मिलेगा बढ़ावा

इस घाट के निर्माण से कालसी के पर्यटन में काफी वृद्धि होगी। इसके पूरा होने के बाद, पर्यटकों को आरती में भाग लेने और कालसी के धार्मिक महत्व के साथ-साथ क्षेत्र के समृद्ध इतिहास के बारे में जानने का अवसर मिलेगा। कालसी का वर्णन कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है और इसका संबंध अश्वमेध यज्ञ से भी है।

 

इसके अतिरिक्त, कालसी में सम्राट अशोक द्वारा स्थापित 13वें शिलालेख और ब्यास भूड़ नामक प्राचीन स्थल है, जहां कभी 18000 बौद्ध भिक्षु रहते थे।

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