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उत्तराखंड का ये युवा वेटर बनकर गया था चीन, आज है 8 रेस्टोरेंट का मालिक, चीन के स्कूलों में पढ़ाई जाती है इनकी कहानी

उत्तराखंड के युवा आज हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं। देश विदेश में जाकर अपनी मेहनत और लगन से उत्तराखंड व भारत देश का नाम ऊंचा कर रहे हैं।  ऐसे ही प्रतिभावान युवाओं में शामिल है उत्तराखंड के टिहरी के रहने वाले देव रतूड़ी भी।

एक किसान परिवार का लड़का वेटर की नौकरी करने विदेश गया जहाँ उसने अपनी मेहनत और लगन से एक सफल अभिनेता और बिज़नेस की दुनिया में बहुत कामयाबी हासिल की।

ये कोई फ़िल्मी कहानी नहीं हैं बल्कि हकीकत है टिहरी जिले के देव रतूड़ी की जिनका जन्म केमरिया सौड़ गांव में हुआ, देव किसान परिवार से हैं।

वेटर की नौकरी से खुद के चीन में 8 रेस्टोरेंट का सफर –

देश के बहुत से युवा विदेशो में काम काज के लिए जाते हैं, छोटी मोटी नौकरी मिल जाये बहार सेटल होना इनमें से बहुत से युवा का उद्देश्य होता है।

लेकिन कुछ मेहनती युवा छोटी मोटी नौकरी नहीं बल्कि अपनी किस्मत खुद लिखने के उद्देश्य से बहार जाते हैं, ऐसी ही एक कमाल की शख्सियत हैं देव रतुरी।

भारत से चीन वेटर बनकर गए थे, देव को एक्टिंग की तरफ काफी रुझान था और इसके चलते उन्होने भारत में बहुत से ऑडिशन दिए लेकिन हर बार उन्हें रिजेक्ट कर दिया जाता था।

देव ने हार नहीं मानी और समझ बुझ से काम लिया, कामयाबी हासिल करने के लिए उन्होंने एक नयी राह चुनी, मार्शल आर्ट सीखी और वेटर के तौर पर काम करने के लिए चीन पहुंचे।

2005 में उन्होंने बीजिंग के एक रेस्टोरेंट में वेटर की नौकरी की, और अच्छा करियर बनाने के लिए उन्होंने चीन की मंदारिन भाषा सीखी। 7 साल तक कड़ी मेहनत की और इसके बाद एक जर्मन रेस्टोरेंट में मैनेजर बने।

इसके बाद साल 2010 में वो एक हॉस्पिटैलिटी चेन के एरिया डायरेक्टर बने। अपने अनुभव और परिश्रम के दम पर उन्होंने साल 2013 में रेड फोर्ट नाम से खुद का रेस्टोरेंट खोला।

चीनी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार भी हैं देव

पहला रेस्टोरेंट रेड फोर्ट शुरू करने के बाद उन्हें ‘स्वात’ नामक फिल्म में छोटा सा रोल निभाने को मिला। और यहाँ से चीनी फिल्म इंडस्ट्री में देव का सफर शुरू हुआ।  अपनी बेहतरीन काम और मेहनत से वो आगे बढ़ते रहे। 46 साल के देव 20 से ज्या़दा चीनी फिल्मों, टीवी और वेब सीरीज में अहम किरदार निभा चुके हैं।

उन्होंने चीन में इतना बड़ा मुकाम हासिल किया हैं की आज उनके बारे में स्कूल में बच्चो को पढ़ाया जाता हैं। भले ही देव ने कभी इसकी कल्पना ना की हो लेकिन सचाई ये ही हैं की उनकी इस कहानी को आज स्कूल के पाठ्यक्रमों में प्रेरणादायक कहानी के रूप में शामिल किया गया हैं।

शांक्सी प्रांत के शीआन शहर के स्कूलों में कक्षा 7 के छात्रों को देव रतूड़ी की कहानी पढ़ाई जा रही है।

इसके साथ ही देव चीन में आठ रेस्टोरेंट के मालिक भी हैं।

देव कहते हैं कि उनके पास बस डटे रहने के अलावा कोई और दूसरा रास्ता नहीं था। वो बताते हैं की अगर ठान लिया जाए,  तो हर सपने को साकार किया जा सकता है।

देव रतुरी मिसाल हैं पहाड़ के मेहनती युवाओं ने गाओं से शहर और विदेशो तक में अपनी कामयाबी का परचम फैलाया है, दुनिया के हर कोने में देव जैसे अनेक युवाओं ने पहाड़ का प्रतिनिधित्व किया है।

 

 

 

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