इन दिनों पूरे उत्तराखंड जोशीमठ के लिए प्रार्थना में जुटा है । लेकिन जो नज़ारा सामने है उससे देख आँखें भर आ रही है। उत्तराखंड में स्थित एक कस्बे जोशीमठ में सड़कों, घरों, दीवारों पर दरारें और ढहा हुआ मंदिर ये सभी घटनाएं दहशत का माहौल पैदा कर रही रही है
रिपोर्टों में कहा गया है कि शहर ‘डूब रहा है’ या भूमि धंसाव का अनुभव कर रहा है, एक ऐसी घटना जिसमें समय के साथ जमीनी स्तर नीचे या नीचे गिरता है। जोशीमठ के के ढहने के कई कारण सामने आ रहे हैं जिनमें भूस्खलन, चरम मौसम की घटनाओं और भूवैज्ञानिक कारक शामिल है।
क्या है जोशीमठ के डूबने का मुख्य कारण
अगस्त 2022 से उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, जोशीमठ के धंसने में भूगर्भीय कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
यह शहर टेक्टोनिक फॉल्ट लाइन, वैकृता थर्स्ट (VT) पर स्थित है। यह दो अन्य मुख्य भूवैज्ञानिक दोष रेखाओं मेन सेंट्रल थ्रस्ट (MCT) और पांडुकेश्वर थ्रस्ट (PT) के भी बहुत करीब है।
जोशीमठ की कमजोर नींव हैं क्योंकि यह एक शताब्दी से भी पहले एक भूकंप से उत्पन्न भूस्खलन के मलबे पर विकसित किया गया था,
यह प्राकृतिक प्रक्रियाओं के कारण भी हो सकता है, जैसे मिट्टी का संघनन या पृथ्वी की पपड़ी का हिलना।
भूमि के धंसने से इमारतों और सड़कों को नुकसान जैसी समस्याएं हो सकती हैं, और बाढ़ आने की संभावना अधिक हो सकती है
मुख्यमंत्री ने किया दौरा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार (7 जनवरी) को जोशीमठ में प्रभावित परिवारों के घरों का दौरा किया और उनकी सुरक्षा और पुनर्वास सुनिश्चित करने का वादा किया।
आज जोशीमठ के भू-धसाव क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों से मुलाकात की। धर्म एवं आध्यात्म के केंद्र जोशीमठ में उत्पन्न हुई इन विषम परिस्थितियों के समय हमारे नागरिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। pic.twitter.com/UWjBaFxegX
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 7, 2023
CMधामी ने कहा कि यह तय नहीं था कि निवासियों को शहर से स्थानांतरित किया जाएगा या नहीं, लेकिन कहा कि उन्हें तुरंत खाली करने की जरूरत है। और इसके लिए सभी आवश्यक साहयता प्रदान की जा रही और लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया जा रहा है । और स्थिति पर लागतात नज़र राखी जा रही है । किसी भी इमरजेंसी के लिए सभी को त्यार रहने को कहा गया है ।