उच्च हिमालयी क्षेत्र और पिथौड़ागढ़ के कई गाँव में शादी विवाह से जुडी एक बड़ी खबर सामने आयी है । पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र और चीन सीमा से लगे गांवों में शादी के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है.
जिसमे से एक के अनुसार अब उच्च हिमालयी क्षेत्र की पांच पंचायतों में होने वाली शादियों में महिलाओं को बारातों में शामिल होने की मनाही हो गयी है । इसके अलावा और भी कड़े नियम लागू किए गए हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार नए नियम लागू करने का मकसद अपनी परंपराओं को बचाए रखना है
उच्च हिमालयी क्षेत्र की पांच ग्राम पंचायतों में जो भी शादियां होंगी, वहां महिला बाराती नजर नही आएंगी, और भी कई कड़े नियम लागू किए गए हैं।यदि यहाँ के लोगों द्वारा नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आप पर 5000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
चीन सीमा के पास नबी गांव के कुछ ग्रामीण इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इन दिनों शादियां नए तरीके से हो रही हैं। अधिकांश शादियों में अब गांव के बाहर की परंपराएं शामिल हैं, जो स्थानीय रीती रिवाज़ ख़तम होते चले जा रहे हैं ।
अब यहाँ होने वाले शादी समारोह के लिए नई नियमावली जारी की गई है। अब शादी समारोहों के लिए नए नियम जारी किए गए हैं। इन नियमों के तहत शादियों में देश के बाहर की किसी भी शराब की इजाजत नहीं होगी, सिर्फ स्थानीय गैरा च्यक्ति का ही इस्तेमाल किया जाएगा
हल्दी समारोह अब नहीं किया जाइएगा । लड़की की शादी में दुल्हन का पिता ही दूल्हे को पगड़ी पहनाएगा और दूल्हे की तरफ से एक पगड़ी दुल्हन के पिता को दी जाएगी। मेहंदी की रस्म सिर्फ लड़की पक्ष द्वारा ही की जाएगी। नए नियमों के तहत विवाह कार्यक्रम में लंच का समय दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक ही रहेगा।
पांचों गांवों में शादी के पहले दिन शाम छह बजे से चार घंटे म्यूजिक सिस्टम चलेगा और फिर तीसरे दिन सिर्फ दो घंटे बजेगा। बारात के दिन चामे रिस्म्या गांव की महिलाओं को ही चाय और पानी के लिए बुलाया जा सकता है।
शादी के लिए मांग समारोह के दौरान केवल दुल्हन की बहनों, दोस्तों और दूल्हे के भाइयों और दोस्तों को ही शामिल होने की अनुमति होगी।नए नियमों में कहा गया है कि अलग-अलग समितियों (ग्राम सभा, महिला सभा, नव युवक संघ, नव युवती संघ, व्यास ऋषि मेला समिति, ग्राम पीठासीन देवता व अन्य समितियों) को दी जाने वाली राशि निर्धारित की गई है.
बैठक में निर्णय लिया गया कि नियमों का पालन नहीं करने वालों पर साढ़े पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
नबी के ग्रामीणों द्वारा नियमों में कुछ बदलाव किए जाने के बाद गुंजी, नापालचुय, रोंगकोंग और कुटी ग्राम पंचायतों ने अपनी स्वीकृति दे दी है।